दशहरा के बाद बासी दशहरा मनाने की परंपरा हर राज्य में अलग अलग है। खासकर दूसरे दिन हर जगह पर दशहरा मिलन समारोह का आयोजन होता है। लोग एक दूसरे से मिलते हैं और सभी तरह का मनोरंजन करते हैं। आओ जानते हैं कि दशहरे के दूसरे दिन क्या करते हैं।
1. इस दिन लोग एक-दूसरे को दशहरे की बधाई देते हैं।
2. आपसी शत्रुता भुलाने के लिए इस दिन लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं। इन दिन सारे गिले-शिकवे दूर करके अपनों को गले लगाकर उसने पुन: रिश्ता कायम किए जाने का भी प्राचलन रहा है।
3. इस दिन कई मंदिरों और अन्य जगहों पर भंडारे का आयोजन भी होता है और बहुत से घरों में कुटुंभ भोज का आयोजन होता है।
4. इस दिन कई लोग अपने घरों में या अन्य जगह पर पारिवारिक पार्टी का आयोजन भी करते हैं। इस दिन खासतौर पर गिल्की के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े) बनाने का प्रचलन है। पकौड़े को भजिए भी कहते हैं।
5. कई जगहों पर दशहरा मिलन समारोह का आयोजन भी होता है।
6. कई लोग एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर, चरण छूकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं और छोटो को दशहरी देते हैं।
7. बासी दशहरे के दिन भी सभी लोग स्वर्ण के प्रतीक शमी पत्तों को एक-दूसरे को बांटते हैं।
8. कई शहरों में दशहरे के दिन चल समारोह भी निकलता है।
9. बहुत से घरों में तरह-तरह के पकवान बनाकर उसका लुफ्त उठाते हैं।
10. हर प्रांत में दशहरे के दूसरे दिन को मनाने की अलग अलग परंपराएं प्रचलित हैं। कई लोग इस दिन मनोरंजन के खेल खेलते हैं।