Expert Advice : कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों का कैसे ध्यान रखें, इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं

सुरभि भटेवरा
कोरोना वायरस की दूसरी लहर इतनी भयावह होगी कभी सोचा भी नहीं था। कोविड की पहली लहर में बुजुर्ग लोग अधिक चपेट में आए थे। दूसरी लहर में युवा वर्ग अधिक चपेट में आया है। वहीं अब तीसरी लहर की संभावना भी जताई जा रही है। विशेषज्ञों द्वारा कहा जा रहा है तीसरी लहर में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे चपेट में आ सकते हैं। वहीं कोविड से बचाव के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण जरूरी है। अब 18 वर्ष से कम बच्चों के लिए भी टीकाकरण की चर्चा होने लगी है। लेकिन बच्चों के लिए कोविड टीका कितना सुरक्षित है?

वेबदुनिया ने MGM मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन और शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ शरद थोरा से चर्चा की आइए जानते हैं क्या कहा?

डाॅ शरद थोरा ने बताया कि, ‘‘ कोविड की पहली लहर में करीब 1 लाख केस प्रति दिन आए थे। दूसरी लहर में 4 लाख से अधिक केस प्रतिदिन आए है। साथ ही दूसरे वैरियंट्स भी बढ़ें। इस वजह से गंभीर केस अधिक हुए है। अलग - अलग वैरियंट्स अधिक प्रभावी है, लोगों को बहुत जल्दी और अधिक संक्रमित कर रहा है। साथ ही अभी बहुत कम जनसंख्या को कोविड टीका लगा है। दूसरी लहर में संक्रमित होने के दो सबसे बड़े कारण है संक्रमण तेजी से फैला और यह सीवियरिटी रेट अधिक रहा।

हालांकि बच्चे बहुत कम प्रभावित होते हैं क्योंकि उनकी इम्युनिटी अच्छी होती है। इसलिए बच्चों में कोविड या अन्य बीमारी बहुत अधिक सीवियर (गंभीर) नहीं होती है। 14 साल से नीचे बच्चों की इम्यूनिटी अच्छी होती है।  हालांकि दूसरी वेव में संक्रमण तेजी से फैला, सीवियर केस अधिक बढ़ें। इसलिए ज्यादा लोग प्रभावित हुए।

देश में करीब 25 फीसदी बच्चे 18 साल से नीचे है। बच्चों को वैक्सीन लगी नहीं है। ऐसे में बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। दूसरी लहर में कोविड पाॅजिटीव हुए लोगों की इम्यूनिटी बढ़ जाएगी। जैसे पहली लहर में जो लोग कोविड संक्रमित हुए थे उनको असर नहीं के बराबर हुआ।

तीसरी लहर में एक संभावना यह है कि बच्चे कोविड से संक्रमित हो सकते हैं और गंभीरता भी अधिक हो सकती है। दूसरी संभावना यह है कि जून तक वैक्सीन बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने की बात कही जा रही है अगर ऐसा होता है तो संख्या पहले के मुकाबले कम हो सकती है।

बच्चों का दो तरह से ध्यान रखें

बच्चों के लिए दो चीजें ध्यान रखना है। बच्चों में बीमारी माइल्ड स्तर पर होती है मेजोरिटी स्तर पर बच्चे कवर हो जाते हैं 97 फीसदी बच्चे ठीक हो जाते हैं, कोविड प्रोटोकॉल से। लेकिन बच्चे एक तरह से सुपर स्प्रेडर भी है। जिन्हें पहले से कोई बीमारी है जैसे डायबिटीज, बीपी आदि बुजुर्गों में अधिक होती है। बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इसलिए बच्चों से दूर और एकदम अलग रखा जाता है। बच्चों में जब इंफेक्शन कम होता है तब बच्चों को 14 दिनों तक होम आइसोलेट रहना पड़ता है। इस दौरान उन्हें सभी कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है। बच्चों को डाॅ के सुपरविजन में जरूर रखें।

इस दौरान उनका इमोशनल सपोर्ट बहुत जरूरी रही है। उनकी जो हॉबिज है उन्हें वह करने दें।

इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं

खाने में बच्चों को अंकुरित मूंग, चने, हरी सब्जियां और फल खिलाएं। इन सभी में बच्चों को विटामिन मिल सकते हैं। इसी के साथ बच्चों को विटामिन डी, सी और जिंक की गोलियां भी दे सकते हैं। 5 साल से बड़ा बच्चा गोली ले सकता है और 5 साल से छोटे बच्चे को साइरप भी दे सकते हैं।

कोविड टीका बच्चों के लिए सुरक्षित है?

कुछ दिनों में 2 साल से 18 साल तक के बच्चों में कोविड ट्रायल शुरू होने जा रहा है। भारत में अभी 18 साल से कम बच्चों को टीका नहीं दिया जाता है। यूएस में 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए टीका मान्य है। भारत में रिसर्च और ट्रायल जारी है। यह जब भी अप्रूव होता है तो बच्चों को टीका लगना चाहिए। यह बहुत कारगर उपाय है।
 

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