Nocturnal emission in women: स्वप्नदोष, जिसे अंग्रेजी में 'नॉक्टर्नल एमिशन' या 'वेट ड्रीम' कहा जाता है, आमतौर पर पुरुषों से जोड़ा जाता है। लेकिन क्या महिलाओं को भी स्वप्नदोष होता है? यह सवाल अक्सर लोगों के मन में कौतूहल पैदा करता है, क्योंकि इस विषय पर खुलकर बात कम ही होती है। आइए, इस लेख में हम इस विषय को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि डॉक्टर्स और विशेषज्ञ इस बारे में क्या कहते हैं।
स्वप्नदोष क्या है? : स्वप्नदोष एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को नींद के दौरान यौन उत्तेजना या चरम सुख (ऑर्गेज्म) का अनुभव होता है, जो आमतौर पर यौन सपनों से जुड़ा होता है। पुरुषों में यह वीर्य स्खलन के रूप में प्रकट होता है, जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है। लेकिन महिलाओं में यह प्रक्रिया थोड़ी अलग और कम स्पष्ट हो सकती है, जिसके कारण इसे लेकर भ्रम बना रहता है।
क्या महिलाओं को होता है स्वप्नदोष? : हां, महिलाओं को भी स्वप्नदोष हो सकता है। हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह कम चर्चा का विषय रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाएं भी नींद के दौरान यौन सपने देख सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें ऑर्गेज्म का अनुभव हो सकता है। यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है और इसमें कोई असामान्यता नहीं है।
प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शिखा शर्मा बताती हैं कि महिलाओं में स्वप्नदोष का अनुभव पुरुषों की तुलना में कम स्पष्ट हो सकता है, क्योंकि इसमें कोई स्खलन जैसा प्रत्यक्ष लक्षण नहीं होता। लेकिन नींद के दौरान योनि में नमी, हल्की ऐंठन या उत्तेजना की अनुभूति स्वप्नदोष का संकेत हो सकती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण : वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, स्वप्नदोष एक प्राकृतिक शारीरिक प्रतिक्रिया है जो मस्तिष्क और हार्मोनल गतिविधियों से जुड़ी होती है। नींद के दौरान REM (रैपिड आई मूवमेंट) चरण में मस्तिष्क सक्रिय होता है और इस दौरान यौन सपने देखना सामान्य है। यह प्रक्रिया पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है।
महिलाओं में स्वप्नदोष का अनुभव उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति, हार्मोनल बदलाव और यौन जागरूकता पर निर्भर करता है। किशोरावस्था, गर्भावस्था या मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण यह अधिक आम हो सकता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर्स?
यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अनिल मेहता कहते हैं कि स्वप्नदोष को लेकर समाज में कई मिथक और भ्रांतियां हैं। यह पूरी तरह से सामान्य है और इसे किसी बीमारी या कमजोरी के रूप में नहीं देखना चाहिए। महिलाओं में स्वप्नदोष कम चर्चा में आता है, लेकिन यह उतना ही सामान्य है जितना पुरुषों में।
डॉक्टर्स का कहना है कि स्वप्नदोष का अनुभव होना या न होना व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। यह न तो कोई समस्या है और न ही इसे शर्मिंदगी का विषय मानना चाहिए। हालांकि, अगर यह बार-बार हो रहा हो और व्यक्ति को इससे असहजता महसूस हो रही हो, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित है।
स्वप्नदोष या वेटड्रीम के मिथक और सच्चाई
मिथक : स्वप्नदोष केवल पुरुषों को होता है।
सच्चाई : महिलाएं भी स्वप्नदोष का अनुभव कर सकती हैं, हालांकि इसके लक्षण कम प्रत्यक्ष होते हैं।
मिथक : स्वप्नदोष अस्वस्थ या असामान्य है।
सच्चाई : यह एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है और इसमें कोई हानि नहीं है।
मिथक : स्वप्नदोष केवल किशोरावस्था में होता है।
सच्चाई : यह किसी भी उम्र में हो सकता है, हालांकि किशोरावस्था में यह अधिक आम है।
स्वप्नदोष को कैसे समझें और स्वीकार करें?
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खुलकर बात करें : यौन स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर खुलकर बात करना महत्वपूर्ण है। इससे भ्रांतियां और शर्मिंदगी कम होती है।
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शिक्षा और जागरूकता : अपने शरीर को समझें और यौन स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्राप्त करें।
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तनाव से बचें : मानसिक तनाव या चिंता स्वप्नदोष की आवृत्ति को प्रभावित कर सकती है। योग और ध्यान जैसे तरीकों से तनाव को कम करें।
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विशेषज्ञ से सलाह : अगर आपको लगता है कि स्वप्नदोष आपके जीवन को प्रभावित कर रहा है, तो किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ या यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
स्वप्नदोष एक प्राकृतिक और सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है। महिलाओं में यह कम स्पष्ट होने के कारण अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन यह उतना ही सामान्य है। डॉक्टर्स और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इसे शर्मिंदगी या असामान्यता का विषय नहीं मानना चाहिए। यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और खुली चर्चा से हम इस विषय को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और इससे जुड़े मिथकों को तोड़ सकते हैं। यदि कोई समस्या है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।