शरीर के हावभाव हमारे व्यक्तित्व का आइना होते हैं। हमारे ड्रेस सेंस से लेकर खाने-पीने, उठने-बैठने, चलने से तरीकों से लोग हमारे बारे में काफी कुछ समझ सकते हैं। हमारे शरीर के हाव-भाव हम ऐसे रखें कि हमारी व्यक्तित्व तो निखरे ही साथ हमारी प्रोफेशन लाइफ में भी इसका फायदा हमें मिले।
आइए जानते हैं साइकोलॉजी एक्सपर्ट्स से व्यक्तित्व विकास के कुछ गुर-
शारीरिक हावभाव यदि आप किसी इंटरव्यू के लिए जाएं या अपने ऑफिस जाएं तो आत्मविश्वास के साथ प्रवेश करें। आपकी चाल में किसी प्रकार का बनावटीपन नहीं होना चाहिए। इसका यह मतलब कतई नहीं कि आप तनकर चलें। आपकी चाल सामान्य होनी चाहिए। साथ ही आपके चेहरे पर हल्की-सी मोहक मुस्कान होनी चाहिए।
बात करते समय नाखून काटना, पेन का ढक्कन खोलना, बंद करना, बालों पर हाथ फेरना, हाव-भाव बदलना आपके आत्मविश्वास की कमी को दर्शाते हैं। ऐसा शारीरिक हाव-भाव बनाइए, जिससे आपसे मिलने वाले व्यक्ति को खुशी मिल सके। अपने व्यक्तित्व को ऐसा महका कर रखिए जिससे उसकी खुशबू से सामने वाला आपके पास खींचा चला आए।
कुछ कहती हैं आखें कहते हैं आंखों के रास्ते किसी के भी दिल में उतरा जा सकता है। प्रोफेशनल फील्ड में आंखों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि अपने से उच्च अधिकारी से बात कर रहे हों तो आंखें से आखें मिलाकर बात करें।
इसका अर्थ यह नहीं कि घूरें या एकटक लगाएं देखें, पलक झपका कर आंखों से आखों का संपर्क बनाएं रखें। बात करते समय इधर-उधर न देखें न ही मोबाइल या अन्य चीजों से खेलें। अक्सर आपने देखा होगा लोग बातें करते समय अन्य चीजों को देखते हैं। ऐसा कतई न करें। ऐसा करना आपमें आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है।
न अपनाएं इशारों की भाषा अक्सर देखा जाता है कि लोग शब्दों से कम और इशारों से ज्यादा बोलते हैं। बातचीत के दौरान हाथ हिलाकर अपनी बात समझाना, किसी बात पर बुरा लगने पर मुंह बिचकाना, आंखों से इशारा कर किसी को बुलाना आदि ऐसी आदतें हैं जो बुरी आदतें हैं और व्यक्तित्व में आपकी कमी को दर्शाती हैं।
अपनी आवाज में उतार-चढ़ाव पर ध्यान दें। बिना रुके तेज बोलते चले जाना आप में मौजूद उतावलेपन को दर्शाता है। इससे सामने वाले व्यक्ति पर आपका प्रभाव भी कम होगा। जब भी बात करें, दिल और दिमाग को साथ में रखकर करें।
आपकी बातें ऊर्जा से भरपूर हो, इसका यह अर्थ नहीं कि जोर चिल्लाकर बोलें, शांतिपूर्वक और शब्दों के स्पष्ट उच्चारण के साथ बात करें। हाथ बांधकर या जेब में हाथ डालकर बात करने वाले को कॉर्पोरेट सेक्टर में रिजर्व व्यक्ति कहा जाता है। अगर दुनिया को जीतना है तो दोनों हाथ खोलकर बात करें।
कैसा हो पहनावा आपकी शरीर की बनावट के अनुसार उचित वेशभूषा आपकी पर्सनालिटी को परफेक्ट बनाती है। आपका ड्रेसिंग सेंस ही आपका फर्स्ट इंम्प्रेशन होता है। कपड़े खुद की पसंद के पहनें और इस आत्मविश्वास के साथ पहनें कि आप उसमें अच्छे लग रहे हैं।
यह भी आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगा। परिस्थिति और जगह के अनुसार कपड़े पहने। यदि आप किसी कॉर्पोरेट पार्टी में जा रहे हैं तो ट्राउजर्स आपके लिए सही चुनाव होगा। डीजे पार्टी में जींस आप पहन सकते हैं। जो भी पहने, व्यवस्थित पहनें। पहनावा ऐसा हो कि आपके आत्मविश्वास से भरे एटिट्यूड को दर्शाए।
बनाकर रखें दूरी किसी से बात करते समय इतनी दूरी बनाकर रखें कि सामने वाला आपसे घबराए नहीं अक्सर देखा जाता है कि लोग बात करते समय कंधे पर हाथ रख देते हैं या फिर छूकर बात करते हैं। यह अशोभनीय व्यवहार कहलाता है।
आपने अक्सर देखा होगा जब दो देशों के डेलीगेट्स मिलते हैं तो एक ही सोफे के दो कोनों पर बैठते हैं। यह कंधों से कंधों की दूरी बताती है कि दो व्यक्ति आपस में भावनात्मक तरीके से जुड़े हैं। बातचीत के दौरान छूकर बात करने से बचें।
ये कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रख अपना व्यक्तित्व ऐसा बनाएं कि हर कोई आपसे मिलने के बाद कहे- व्हॉट ए पर्सनालिटी।