Diwali Puja 2024: दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन लोग माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा की पूजा करते हैं ताकि घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे। लेकिन एक आम सवाल उठता है कि दिवाली पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करना चाहिए? कई बार छोटी-छोटी गलतियों से पूजा का असर कम हो सकता है। आइए जानते हैं कि पूजा के बाद मूर्ति का क्या करें और किन गलतियों से बचना चाहिए।
1. दिवाली पूजा के बाद मूर्ति का महत्व
दिवाली पूजन के बाद मूर्ति को संभाल कर रखना और उनका सही विसर्जन करना बेहद जरूरी है। मान्यता है कि यदि मूर्ति को सही तरह से विसर्जित नहीं किया जाए या उनकी अनदेखी की जाए, तो पूजा का फल नष्ट हो सकता है। इसलिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करना चाहिए ताकि पूजा का फल बना रहे और नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके।
2. पूजा के बाद मूर्ति का सही तरीके से विसर्जन
दिवाली पूजन के बाद लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति को विसर्जित करने का सबसे सही तरीका यह है कि उन्हें बहते पानी में विसर्जित किया जाए। इससे पूजा में दिए गए संकल्प पूरे होते हैं और शुभ फल प्राप्त होता है। अगर आपके पास बहते पानी की सुविधा नहीं है, तो आप किसी तालाब या फिर मिट्टी में मूर्ति को विसर्जित कर सकते हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल भी है और इससे देवी-देवता का आशीर्वाद भी बना रहता है।
3. विसर्जन के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
मूर्ति विसर्जन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
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मूर्ति को सम्मानपूर्वक विसर्जित करें: विसर्जन से पहले मूर्ति को अच्छी तरह से साफ करें और ध्यान से विसर्जित करें।
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घर के किसी शांत और साफ स्थान पर विसर्जन करें: अगर पानी का स्रोत न हो, तो घर में ही मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर विसर्जित किया जा सकता है।
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पूजा की अन्य सामग्रियों का सही उपयोग: फूल, प्रसाद, और अन्य सामग्री को भी बहते पानी या मिट्टी में डालें।
4. इन गलतियों से बचें और पाएं पूरा फल
1. मूर्ति को घर में अधिक दिनों तक न रखें
दिवाली के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को अधिक समय तक घर में रखना उचित नहीं माना जाता। इससे पूजा का फल नष्ट हो सकता है। इसलिए विसर्जन जल्द से जल्द करें।
2. विसर्जन में अशुद्ध पानी का प्रयोग न करें
मूर्ति को साफ और स्वच्छ पानी में ही विसर्जित करें। अशुद्ध जल से विसर्जन करने पर पूजा का फल कम हो सकता है। इसलिए जितना संभव हो, शुद्ध जल का ही उपयोग करें।
3. मूर्ति को प्लास्टिक में न बांधें
मूर्ति को प्लास्टिक में बांधकर विसर्जन करने से पर्यावरण को नुकसान होता है। मिट्टी की मूर्तियों को सीधे पानी में डालें या मिट्टी में मिलाएं ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे।
दिवाली पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को सही तरीके से विसर्जित करना बेहद जरूरी है ताकि पूजा का पूरा फल प्राप्त हो सके और देवी-देवता का आशीर्वाद बना रहे। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपनी पूजा का संपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
Special Tip: ध्यान रखें कि मूर्ति विसर्जन के बाद अपने घर और मन को स्वच्छ रखें, इससे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा।
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