Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी में दीप प्रवाहित करने का प्रचलन है। इसी दिन देव दिवाली है और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 8 नवंबर 2022 को यह त्योहार मनाया जाएगा। दीपक का दान करना, दीप को नदी में प्रवाहित करना या दीप को जलाकर उसे उचित स्थान पर रखना दीपदान कहलाता है। आओ जानते हैं दीपदान करने के 5 आश्चर्यजनक फायदे।
1. सभी देवताओं का मिलता आशीर्वाद : कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवी और देवता गंगा के तट पर एकत्रित होकर स्नान करके दिवाली मनाते हैं। यदि इस समय पवित्र नदी के तट पर दीपदान किया जाए तो सभी देवी और देवताओं का एक साथ आशीर्वाद मिलता है।
2. अकाल मृत्यु से बचाता है दीपदान : इस दिन किया गया दीपदान जातक को असमय या अकाल मृत्यु से बचाता है। यानी उसकी कभी भी किसी घटना या दुर्घटना में मौत नहीं होगी। अपने मृतकों की सद्गति के लिए भी करते हैं दीपदान। मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं दीपदान।
3. बुरी नकारात्मक शक्तियों से बचाता है दीपदान : इस दिन क्या गया दीपताल सभी तरह की अला-बला, गृहकलह और संकटों से बचाता है साथ ही यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भी दीपदान करते हैं। जीवन से अंधकार मिटकर सकारात्मकता का उजाला फैल जाता है।
4. जीवन की बाधा हटाता दीपदान : जीवन में हर क्षेत्र में सफल होने के लिए और किसी भी तरह की पूजा या मांगलिक कार्य की सफलता हेतु दीपदान जरूर करें।
5. सुख समृद्धि के लिए करें दीपदान : इस दिन दीपदान करने से घर में धन, सुख, समृद्धि और शांति का वर्षभर निवास रहता है। लक्ष्मी माता और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर कृपा करते हैं। कार्तिक माह में भगवान विष्णु या उनके अवतारों के समक्ष दीपदान करने से समस्त यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।