Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मनोहर पर्रिकर को हुआ था पैंक्रियाटिक कैंसर, जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

हमें फॉलो करें मनोहर पर्रिकर को हुआ था पैंक्रियाटिक कैंसर, जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय
कैंसर तेजी से बढ़ती बीमारी है, जिसकी चपेट में कोई भी आ सकता है। हाल ही में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की पैंक्रियाटिक कैंसर यानि अग्नाशय के कैंसर के कारण नि‍धन हो गया। आप भी जानिए क्या है पैंक्रियाटिक कैंसर और इसके कारण, लक्षण एवं उपाय - 
 
 
पैंक्रियाटिक कैंसर - पैंक्रियाज यानि अग्नाशय में होने वाले कैंसर को पैंक्रियाटिक कैंसर या अग्नाशय का कैंसर कहते हैं। इसका दूसरा नाम साइलेंट किलर भी है क्योंकि यह कब पैदा होता है और जानलेवा बन जाता है पता नहीं चलता। 
 
कारण - पैंक्रियाटिक कैंसर की संभावना महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होती है। आम तौर पर यह देखा गया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष इस कैंसर की चपेट में सबसे ज्यादा और आसानी से आते हैं। इसके कारणों में आधारभूत कारण हैं - धूम्रपान, मोटापा, मधुमेह, अनुवांशिकता एवं भोजन में फल, सब्जी या फाइबर्स की कमी। 
 
लक्षण - पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षणों की बात करें, तो इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना मुश्किल होता है। इसके लक्षण बाद में उजागर होते हैं, जो अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होते हैं।  
 
फि‍र भी सामान्य रूप से इसके लक्षणों पर गौर किया जाए तो इसमें 
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना 
- भूख कम लगना, 
- तेजी से वजन कम होना 
- पीलिया, 
- नाक में खून आना 
- उल्टी होना जैसी शिकायत होती है।
 
उपाय - इलाज पैंक्रिएटिक कैंसर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर की अवस्था कौन सी है। इलाज के तौर पर रोगी की सजर्री की जाती है या फिर उसे रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी दी जाती है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार अब तक इस कैंसर का पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है। कैंसर सोसाइटी का कहना है कि 20 से 30 प्रतिशत पैंक्रिएटिक कैंसर की वजह ज्यादा धूम्रपान करना होता है, इसलिए इससे दूर रहना आवश्यक है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन डी का सेवन करने से इस कैंसर के होने की संभावना कम हो जाती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ह्यूस्टन में बिखरे होली के रंग, MPMM की पिकनिक में जुटे 65 परिवार