अक्सर हम ऑफिस का काम करने और अपने टारगेट को पूरा करने के लिए घंटों तक एक ही जगह पर सिस्टम के सामने बैठे रह जाते हैं। पर काम को पूरा करने के चक्कर में हम अपने शरीर का ध्यान रखना भूल जाते हैं। एक जगह पर लागातार घंटों तक एक ही पोजिशन में बैठने के कारण हमारे वजन में बढ़ने के साथ-साथ हम कई तरह के बीमारियों ले भी घिर जाते हैं।
एक जगह बैठ कर काम करने से शरीर का वजन बढ़ सकता है। इसलिए, नियमित अंतराल पर बॉडी पॉश्चर बदलते रहें। शारीरिक क्रियाकलाप जरूर करें। इससे रक्त संचार तेज होगा और अधिक मात्रा में शरीर से हानिकारक पदार्थ फिल्टर होकर पसीना और मूत्र मार्ग से बाहर निकलेंगे। इस मौसम में पर्याप्त गर्म कपड़ा पहन कर घर से निकलें। सुबह में धूप निकलने के बाद 20-30 मिनट योग और प्राणायाम करें। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज ठंड में विशेष सावधानी बरतें।
शरीर की ताकत के अनुसार व्यायाम करें। इससे शरीर स्वस्थ रहता है। ब्लड सर्कुलेशन सही रहने से हार्ट ब्लॉकेज का जोखिम कम होता है। व्यायाम करने के बाद शरीर को धीरे-धीरे मलें। इससे कार्य करने की क्षमता, स्थिरता और पाचन शक्ति बढ़ती है। वात व पित्त रोगी, अधिक बीमार, छोटे बालक, ज्यादा वृद्ध, भूखे और प्यासे व्यक्ति व्यायाम न करें। यदि आप थके हों, तो व्यायाम से परहेज करें। इससे वात और पित्त में वृद्धि होती है।
भोजन साधारण, संतुलित मात्रा में और उचित समय पर करें। भोजन की मात्रा प्रत्येक व्यक्ति की पाचन शक्ति पर निर्भर करती है। कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे- चावल, जौ का दलिया, खिचड़ी आदि पचने में हल्के माने जाते हैं। इन हल्के पदार्थों में वात और अग्नि तत्व की अधिकता होती है। अतः ये पदार्थ भूख को बढ़ाते हैं, जिससे पाचन क्रिया सुचारु रहती है। भोजन करते वक्त वार्तालाप करना, चलते हुए भोजन करना आयुर्वेद के अनुसार निषिद्ध माना गया है। भोजन करते वक्त मन शांत एवं शरीर स्थिर हो।