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मानसूनी बुखार और डेंगू में कैसे करें अंतर, जानिए क्या है इनके लक्षणों में फर्क

बारिश के मौसम में सतर्क रहें, रखें अपनी सेहत का ध्यान

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WD Feature Desk

, बुधवार, 10 जुलाई 2024 (12:45 IST)
बरसात का मौसम कई तरह की बीमारियों को साथ लाता है। इन दिनों सबसे ज्यादा खतरा मच्छरों से होने वाली बीमारियों का होता है। बरसात का मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल होता है और इस मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। हालांकि गर्मी से बरसात का बदलते समय में मौसमी बुखार का ख़तरा भी बढ़ जाता है।

इन दोनों ही बीमारियों के ज्यादातर लक्षण चूंकि एक जैसे ही होते हैं, ऐसे में अक्सर लोगों के लिए इनमें अंतर कर पाना काफी कठिन हो जाता है। आइए जानते हैं कि मानसूनी बुखार और डेंगू के लक्षणों की पहचान कैसे की जा सकती है?ALSO READ: इन हरी पत्तियों का खाली पेट करिए सेवन, इन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकती हैं

कैसे करें मानसूनी बुखार और डेंगू के लक्षणों की पहचान
मानसूनी बुखार:
मानसूनी बुखार, बारिश में होने वाले वायरल संक्रमण के कारण होता है। मानसूनी बुखार आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होता है और अक्सर खांसी या जुकाम जैसे श्वसन संबंधी लक्षणों के साथ होता है। मौसम में होने वाले बदलाव के साथ इंफ्लूएंजा जैसे वायरस के संक्रमण की स्थिति में आपको हल्का से लेकर तेज बुखार, नाक बहने या बंद होने, गले में खराश, शरीर में दर्द और थकान, हल्का सिरदर्द जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

डेंगू बुखार:
डेंगू बुखार भी संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारी है। डेंगू वायरस से संक्रमित हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसमें बुखार के साथ-साथ मतली, उल्टी, शरीर पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या सिरदर्द की समस्या हो सकती है। गंभीर स्थितियों में डेंगू के कारण आंतरिक रक्तस्राव होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता।

इन दोनों में कैसे करें अंतर? 
मानसूनी बुखार और डेंगू के ज्यादातर लक्षण एक जैसे ही होते हैं। दोनों में बुखार, दर्द और थकान होती है, पर डेंगू में आम तौर पर ये अचानक शुरू होता है और लक्षण बढ़ने के साथ गंभीर शरीर दर्द और चकत्ते होने लगते हैं। डेंगू बुखार के कारण ब्लड प्लेटलेट काउंट में कमी आने लगती है जबकि मानसूनी बुखार में ऐसे दिक्कत नहीं देखी जाती है।

मानसूनी बुखार के ज्यादातर मामले आराम करने और शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ ओवर-द-काउंटर बुखार दवा (पैरासिटामोल) से ठीक हो जाते हैं जबकि डेंगू के इलाज में कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। अगर किसी को 3-4 दिनों तक बुखार के साथ दर्द रहता है और सामान्य उपायों से आराम नहीं मिल रहा है तो समय रहते खून का जांच कराना आवश्यक हो जाता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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