Diwali 2024 and Vastu : दीपावली पर वास्तु के ये 10 टिप्स अपना लिए तो माता लक्ष्मी आपके घर में तुरंत प्रवेश करेंगी

Webdunia
Diwali 2024: दीवाली पर माता लक्ष्मी प्रसन्न करने के लिए यह प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यही मौका रहता है जबकि आप अपने जीवन से आर्थिक परेशानी को दूर करके सुख और समृद्धि का जीवन यापन करते हैं। ऐसे में पूजा पाठ के साथ ही दिवाली पर वास्तु के खास टिप्स ( 10 Vastu Tips for Diwali ) भी अपनाना चाहिए।
 
 
दीपावली के लिए वास्तु के ये 10 टिप्स ( 10 Vastu Tips for Diwali )
 
1. रंग रोगन : दिवाली की पुताई के दौरान किस दिशा में कौनसा रंग करें यह जानना जरूरी है। उत्तर- हरा, पिस्ता या आसमानी, ईशान- पीला आसमानी या सपेद , पूर्व- सफेद या हल्का नीला, आग्नेय- नारंगी, पीला, सफेद या सिल्वर, दक्षिण- नारंगी, गुलाबी या लाल, नैऋत्य- भूरा या हरा, पश्‍चिम- नीला या हल्का नीला, वायव्य- हल्का स्लेटी, क्रीम या सफेद।
ALSO READ: दिवाली के पांच दिनी उत्सव में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज पूजा के शुभ मुहूर्त जानिए
2. वंदनवार : आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है। इसे अकसर दीपावली के दिन द्वार पर बांधा जाता है। वंदनवार इस बात का प्रतीक है कि देवगण इन पत्तों की भीनी-भीनी सुगंध से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं। इसे इस बार वास्तु अनुसार ही सजाएं। नकली फूलों से या नकली वस्तुओं से ना सजाएं। वंदनवार सजाने के बाद दरवाजे के आसपास शुभ लाभ लिखें और स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। द्वार के उपर गणेशजी का चित्र या मूर्ति लगएं।
 
3. देहरी पूजा : वास्तु के अनुसार दहलीज़ टूटी-फूटी या खंडित नहीं होना चाहिए। बेतरतीब तरह से बनी दहलीज नहीं होना चाहिए यह भी वास्तुदोष निर्मित करती है। द्वार की देहली (डेली) बहुत ही मजबूत और सुंदर होना चाहिए। कई जगह दहलीज होती ही नहीं जो कि वास्तुदोष माना जाता है। देहरी पर कभी पैर नहीं रखे जाते हैं। जो नित्य देहरी की पूजा करते हैं उनके घर में स्थायी लक्ष्मी निवास करती है। दीपावली के अलावा विशेष अवसरों पर देहरी के आसपास घी का दीपक लगाना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी का प्रवेश सरल होगा।
 
4. रंगोली या मांडना : दिपावली के पांच दिनी उत्सव में रंगोली और मांडना बनाना 'चौंसठ कलाओं' में से एक है जिसे 'अल्पना' कहा गया है। वास्तुशास्त्र में इसका बहुत महत्व है। रंगोली और मांडनों को श्री और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि जिसके घर में इसका सुंदर अंकन होता रहता है, वहां लक्ष्मी निवास करती है। मांडना में चौक, चौपड़, संजा, श्रवण कुमार, नागों का जोड़ा, डमरू, जलेबी, फेणी, चंग, मेहंदी, केल, बहू पसारो, बेल, दसेरो, सातिया (स्वस्तिक), पगल्या, शकरपारा, सूरज, केरी, पान, कुंड, बीजणी (पंखे), पंच कारेल, चंवर छत्र, दीपक, हटड़ी, रथ, बैलगाड़ी, मोर, फूल व अन्य पशु-पक्षी आदि बनाया जाता है।
5. दीपक जलाना : दीए मिट्टी के ही होना चाहिए और तेल के दीये का महत्व जानना जरूरी है। असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को मोह लेती हैं। दुकानों, बाजारों और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। धनतेरस से भाईदूज तक अगल अलग तरीके से दीपक जलाया जाता है जिससे घर का वास्तु दोष दूर होता है और सभी तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं। दीपावली पर दीये लगाते समय उनकी संख्या पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
 
6. कबाड़ कर दें बाहर : दीपावली के पूर्व ही हम टूटा-फूटा फर्नीचर, पुराने कपड़े, रद्दी पेपर, पुरानी मैग्जीन, टूटे कांच, चीनी के टूटे बर्तन आदि को घर से बाहर निकाल देते हैं। घर में इलेक्ट्रिक का कोई भी खराब या बंद उपकरण ना रखें। इसे कबाड़ में बेच दें। सफाई की सभी वस्तुएं जैसे झाडू, डस्टबिन, डस्टपान, डोरमेट आदि नए इस्तेमाल करें।
ALSO READ: लाल किताब के 7 उपाय अपनाएं, इस बार दिवाली पर अपार धन पाएं
7. ईशान कोण और तिजोरी हो वास्तु अनुसार : स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए घर के ईशान कोण में एक चांदी, तांबा या स्टील के बर्तन में पानी भरकर रखें। तिजोरी ऐसी रखें कि वह उत्तर की दिशा में खुले। तिजोरी में स्वर्ण को पीले या लाल वस्त्र में लपेटकर रखें। दोनों ही जगहों पर सुगंध फैलाने के लिए इत्र का उपयोग कर सकते हैं, परंतु इत्र ना रखें। दीपावली के पांचों दिन रोज एक कम का फूल लाएं और उसे उत्तर या ईशान दिशा में रखकर उसकी पूजा करें।
 
8. सेंधा नमक का पौंछा लगाएं : नमक या सेंधा नमक का पौंछा लगाएं। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाएगी। इसमें चुटकी भर हल्दी डाल लेंगे तो सोने पर सुहाग समझो। इसके बाद घर में गुग्गल या चंदन से वातावरण को सुंगंधित बनाएं।
 
9. कर्पूर जलाएं : घर में सुबह और शाम को कर्पूर जरूर जलाएं। यह हर तरह के वास्तु दोष को समाप्त कर देता है और इसके कई लाभ हैं।
 
10. उत्तर दिशा और पीले या लाल वस्त्र : दीवाली की पूजा उत्तर दिशा या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए। इसके अनुसार पूजा करने वाले का मुख घर की उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। साथ ही पूजा के समय पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें। घर के सभी सदस्य मिलकर ही पूजा करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

Malmas : दिसंबर में कर लें विवाह नहीं तो लगने वाला है मलमास, जानें क्या करें और क्या नहीं

घर के मंदिर में कितनी होनी चाहिए मूर्तियों की ऊंचाई? पूजा घर के इन नियमों की जानकारी है बेहद ज़रूरी

कछुआ रिंग पहनते समय भूलकर भी ना करें ये गलती, फायदे की जगह हो सकता है नुकसान, जानें इसे पहनने के नियम

वायरल हो रही है 3 राशियों की भविष्यवाणी, बाबा वेंगा ने बताया 2025 में अमीर बन जाएंगी ये राशियां

Aaj Ka Rashifal: कैसा रहेगा आज आपका दिन, क्या कहते हैं 26 नवंबर के सितारे?

अगला लेख
More