Diwali 2021 and Vastu : दीपावली पर वास्तु के ये 10 टिप्स अपना लिए तो माता लक्ष्मी आपके घर में तुरंत प्रवेश करेंगी

Webdunia
Diwali 2021: दीवाली पर माता लक्ष्मी प्रसन्न करने के लिए यह प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यही मौका रहता है जबकि आप अपने जीवन से आर्थिक परेशानी को दूर करके सुख और समृद्धि का जीवन यापन करते हैं। ऐसे में पूजा पाठ के साथ ही दिवाली पर वास्तु के खास टिप्स ( 10 Vastu Tips for Diwali ) भी अपनाना चाहिए।
 
 
दीपावली के लिए वास्तु के ये 10 टिप्स ( 10 Vastu Tips for Diwali )
 
1. रंग रोगन : दिवाली की पुताई के दौरान किस दिशा में कौनसा रंग करें यह जानना जरूरी है। उत्तर- हरा, पिस्ता या आसमानी, ईशान- पीला आसमानी या सपेद , पूर्व- सफेद या हल्का नीला, आग्नेय- नारंगी, पीला, सफेद या सिल्वर, दक्षिण- नारंगी, गुलाबी या लाल, नैऋत्य- भूरा या हरा, पश्‍चिम- नीला या हल्का नीला, वायव्य- हल्का स्लेटी, क्रीम या सफेद।
ALSO READ: दिवाली के पांच दिनी उत्सव में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज पूजा के शुभ मुहूर्त जानिए
2. वंदनवार : आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है। इसे अकसर दीपावली के दिन द्वार पर बांधा जाता है। वंदनवार इस बात का प्रतीक है कि देवगण इन पत्तों की भीनी-भीनी सुगंध से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं। इसे इस बार वास्तु अनुसार ही सजाएं। नकली फूलों से या नकली वस्तुओं से ना सजाएं। वंदनवार सजाने के बाद दरवाजे के आसपास शुभ लाभ लिखें और स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। द्वार के उपर गणेशजी का चित्र या मूर्ति लगएं।
 
3. देहरी पूजा : वास्तु के अनुसार दहलीज़ टूटी-फूटी या खंडित नहीं होना चाहिए। बेतरतीब तरह से बनी दहलीज नहीं होना चाहिए यह भी वास्तुदोष निर्मित करती है। द्वार की देहली (डेली) बहुत ही मजबूत और सुंदर होना चाहिए। कई जगह दहलीज होती ही नहीं जो कि वास्तुदोष माना जाता है। देहरी पर कभी पैर नहीं रखे जाते हैं। जो नित्य देहरी की पूजा करते हैं उनके घर में स्थायी लक्ष्मी निवास करती है। दीपावली के अलावा विशेष अवसरों पर देहरी के आसपास घी का दीपक लगाना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी का प्रवेश सरल होगा।
 
4. रंगोली या मांडना : दिपावली के पांच दिनी उत्सव में रंगोली और मांडना बनाना 'चौंसठ कलाओं' में से एक है जिसे 'अल्पना' कहा गया है। वास्तुशास्त्र में इसका बहुत महत्व है। रंगोली और मांडनों को श्री और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि जिसके घर में इसका सुंदर अंकन होता रहता है, वहां लक्ष्मी निवास करती है। मांडना में चौक, चौपड़, संजा, श्रवण कुमार, नागों का जोड़ा, डमरू, जलेबी, फेणी, चंग, मेहंदी, केल, बहू पसारो, बेल, दसेरो, सातिया (स्वस्तिक), पगल्या, शकरपारा, सूरज, केरी, पान, कुंड, बीजणी (पंखे), पंच कारेल, चंवर छत्र, दीपक, हटड़ी, रथ, बैलगाड़ी, मोर, फूल व अन्य पशु-पक्षी आदि बनाया जाता है।
5. दीपक जलाना : दीए मिट्टी के ही होना चाहिए और तेल के दीये का महत्व जानना जरूरी है। असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को मोह लेती हैं। दुकानों, बाजारों और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। धनतेरस से भाईदूज तक अगल अलग तरीके से दीपक जलाया जाता है जिससे घर का वास्तु दोष दूर होता है और सभी तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं। दीपावली पर दीये लगाते समय उनकी संख्या पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
 
6. कबाड़ कर दें बाहर : दीपावली के पूर्व ही हम टूटा-फूटा फर्नीचर, पुराने कपड़े, रद्दी पेपर, पुरानी मैग्जीन, टूटे कांच, चीनी के टूटे बर्तन आदि को घर से बाहर निकाल देते हैं। घर में इलेक्ट्रिक का कोई भी खराब या बंद उपकरण ना रखें। इसे कबाड़ में बेच दें। सफाई की सभी वस्तुएं जैसे झाडू, डस्टबिन, डस्टपान, डोरमेट आदि नए इस्तेमाल करें।
ALSO READ: लाल किताब के 7 उपाय अपनाएं, इस बार दिवाली पर अपार धन पाएं
7. ईशान कोण और तिजोरी हो वास्तु अनुसार : स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए घर के ईशान कोण में एक चांदी, तांबा या स्टील के बर्तन में पानी भरकर रखें। तिजोरी ऐसी रखें कि वह उत्तर की दिशा में खुले। तिजोरी में स्वर्ण को पीले या लाल वस्त्र में लपेटकर रखें। दोनों ही जगहों पर सुगंध फैलाने के लिए इत्र का उपयोग कर सकते हैं, परंतु इत्र ना रखें। दीपावली के पांचों दिन रोज एक कम का फूल लाएं और उसे उत्तर या ईशान दिशा में रखकर उसकी पूजा करें।
 
8. सेंधा नमक का पौंछा लगाएं : नमक या सेंधा नमक का पौंछा लगाएं। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाएगी। इसमें चुटकी भर हल्दी डाल लेंगे तो सोने पर सुहाग समझो। इसके बाद घर में गुग्गल या चंदन से वातावरण को सुंगंधित बनाएं।
 
9. कर्पूर जलाएं : घर में सुबह और शाम को कर्पूर जरूर जलाएं। यह हर तरह के वास्तु दोष को समाप्त कर देता है और इसके कई लाभ हैं।
 
10. उत्तर दिशा और पीले या लाल वस्त्र : दीवाली की पूजा उत्तर दिशा या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए। इसके अनुसार पूजा करने वाले का मुख घर की उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। साथ ही पूजा के समय पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें। घर के सभी सदस्य मिलकर ही पूजा करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या गया जी श्राद्ध से होती है मोक्ष की प्राप्ति !

Budh asta 2024: बुध अस्त, इन राशियों के जातकों के लिए आने वाली है मुसीबत, कर लें ये उपाय

Weekly Horoscope: इस हफ्ते किसे मिलेगा भाग्य का साथ, जानें साप्ताहिक राशिफल (मेष से मीन राशि तक)

श्राद्ध पक्ष कब से प्रारंभ हो रहे हैं और कब है सर्वपितृ अमावस्या?

Shani gochar 2025: शनि के कुंभ राशि से निकलते ही इन 4 राशियों को परेशानियों से मिलेगा छुटकारा

सभी देखें

धर्म संसार

20 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

20 सितंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

16 shradh paksha 2024: पितृ पक्ष का चौथा दिन : जानिए तृतीया श्राद्ध तिथि का महत्व और इस दिन क्या करें

Indira ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी व्रत का महत्व एवं पारण का समय क्या है?

Vakri guru : गुरु वक्री होकर बदल देंगे इन 4 राशियों का भाग्य, नौकरी और व्यापार में होगा लाभ ही लाभ

अगला लेख
More