Dhanteras 2021 धनत्रयोदशी से दीपावली पर्व का प्रारंभ हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के उपरांत धनत्रयोदशी के दिन ही भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत-कलश लिए प्रकट हुए थे। धन्वंतरि भगवान विष्णु के अंशांश अवतार माने जाते हैं। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक कहे जाते हैं।
प्रात:काल क्या करें-
Dhanteras 2021 धनतेरस के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के उपरांत भगवान धन्वंतरि की पंचोपचार पद्धति से पूजा करें।
सर्वप्रथम एक चौकी पर भगवान धन्वंतरि का चित्र जिसमें वे अमृत-कलश लिए हों, स्थापित करें तत्पश्चात् उस चित्र की धूप, दीप, पुष्प, नैवेद्य, आरती से पूजा करें। इस प्रकार धनत्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से आरोग्य एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
मध्यान्ह काल-
भगवान धन्वंतरि की पूजा के उपरांत अपराह्न (दोपहर) में नवीन वस्तुओं का क्रय करें। नवीन वस्तुओं क्रय करते समय ध्यान रखें कि खरीददारी में चांदी की कोई वस्तु अवश्य हो। धनत्रयोदशी के दिन चांदी खरीदने से वर्षभर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
सायंकाल (प्रदोष काल)-
Dhanteras 2021 धनत्रयोदशी के दिन सायंकाल यमराज के निमित्त दीपदान करें, इसे 'यम-दीपदान' कहा जाता है। घर के मुख्य द्वार के बाहर गोबर का लेपन करें तत्पश्चात् मिट्टी के दो दीयों में तेल डालकर प्रज्ज्वलित करें। दीये प्रज्ज्वलित करते समय 'दीपज्योति नमोस्तुते' मंत्र का जाप करते रहे एवं अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें। धनत्रयोदशी के दिन 'यम-दीपदान' करने से घर-परिवार में किसी सदस्य की अकाल-मृत्यु नहीं होती है।
प्रदोष काल समय: शास्त्रानुसार प्रदोष काल सूर्यास्त से दो घड़ी अर्थात् 48 मिनट तक रहता है। मतांतर से कुछ विद्वान इसे 1 घड़ी (24 मिनट) सूर्यास्त से पूर्व तथा 1 घड़ी (24 मिनट) सूर्यास्त के पश्चात तक का भी मानते हैं।
खरीदी करने का शुभ मुहूर्त-
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11:40 से 12:25 तक
लाभ- अपराह्न 10:38 से 12:00 तक
शुभ- मध्याह्न 3:00 से 4:30 तक
शुभ होरा मुहूर्त-
प्रात:काल 8:18 से 9:14 तक
मध्याह्न 2:51 से 3:47 तक
रात्रि 9:55 से 11:00 तक
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र