दिल्ली झुलस रहा है। दिल्ली में ही लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर संसद भी है। यहां बने नियम-कायदों से ही देश संचालित होता है। चाहे कानून व्यवस्था का मामला हो या फिर समाज के हित में जारी की जानी विभिन्न योजनाएं हों।
एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों की संसद से दूरी 14 से 22 किलोमीटर के लगभग है। करावल नगर संसद से करीब 22.4 किलोमीटर दूर है, जबकि खजूरी खास, चांदबाग, मौजपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, गोकुलपुरी, भजनपुरा आदि इलाके संसद से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी हैं।
लोगों को आश्चर्य सरकार के 'नाक' के नीचे यह सब कुछ होता रहा, लेकिन पुलिस और प्रशासन कुछ खास नहीं कर पाया। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है।