नई दिल्ली। मतदान के बाद ज्यादातर Exit Poll ने फिर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का अनुमान जताया। यानी एक बार फिर अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सरकार बनाते हुए दिख रहे हैं। भाजपा ने दिल्ली के रण को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने खूब प्रचार किया, लेकिन सवाल उठता है कि नेताओं का जनता के बीच जाना और उन्हें लुभाना वोट में तब्दील हुआ?
क्या दिल्ली चुनाव से पहले लाया गया नागरिक संशोधन कानून (CAA) भी भाजपा के प्रदर्शन को प्रभावित कर गया। सीएए के लागू होने के बाद से ही शाहीनबाग में प्रदर्शन चल रहा है। पूरे चुनाव के दौरान शाहीन बाग का प्रदर्शन एक बड़ा मुद्दा बना रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में चुनावी रैली के दौरान कहा था कि CAA किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है, लेकिन इसके बाद भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन चलता रहा।
चुनावी रैलियों में भी भाजपा नेताओं ने शाहीनबाग में प्रदर्शनकारियों को लेकर बयान दिए, जो बड़ा मुद्दा बने। केजरीवाल ने जहां पूरे प्रचार में दिल्ली के विकास को मुद्दा बनाया, वहीं भाजपा ने उन पर व्यक्तिगत टिप्पणियां कीं।
भड़काऊ बयानों के चलते अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा पर बैन भी लगाया गया, लेकिन दूसरे नेताओं पर कोई असर नहीं पड़ा। कांग्रेस की बात करें तो एक्जिट पोल के अनुमानों से वह यह सोचकर खुश है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार नहीं बन रही है। खैर, 11 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि दिल्ली का सिंहासन पर कौन बैठता।