दिल्ली विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस की कद्दावर नेता कृष्णा तीरथ पार्टी को झटका देते हुए भाजपा में शामिल हो गईं। 2015 के चुनावों में वे भाजपा के टिकट पर पटेल नगर से खड़ी हुई हैं। कृष्णा तीरथ 1984 में पहली बार विधायक चुनी गई थीं। तीरथ शीला सरकार में सोशल वेलफेयर मंत्री रही हैं। बाद में शीला दीक्षित से मतभेद के चलते उन्हें मंत्री पद से हटाकर दिल्ली विधानसभा का उप सभापति बनाया गया।
लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस की तरफ से लड़ते हुए भाजपा को दो बार पटखनी दी। 2004 में उन्होंने भाजपा की अनीता आर्या को हराकर लोकसभा की सदस्य बनीं, वहीं 2009 में वे एक बार फिर से भाजपा की ही मीरा कांवरिया को हराकर सांसद चुनी गईं।
कृष्णा तीरथ मनमोहन सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। कृष्णा तीरथ का विवादों से भी नाता रहा है। तीरथ पर अपनी मंत्री पद का दुरुपयोग के भी आरोप लगते रहे हैं। 2010 में सरकार की ओर से एक अखबारों में पूरे पेज एक विज्ञापन छपा जिसमें पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल तनवीर महमूद अहमद के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और सोनिया गांधी की तस्वीर छपी।
हालांकि इस विज्ञापन के छपने के बाद पहले तो तीरथ ने गलती मानने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में उन्होंने इस विज्ञापन के छपने पर मांफी मांगते हुए इसकी जांच के आदेश दिया था। तीरथ पर आरोप है कि उन्होंने अपनी बेटी यश्वी तीरथ को दूरदर्शन में एंकर के तौर पर शामिल किए जाने की सिफारिश की थी। इसे सेंट्रल ट्रिब्यूनल ने रद्द कर दिया था।