ब्लॉगिंग से होगा हिंदी का विकास – कमल शर्मा
(जाने-माने ब्लॉगर कमल शर्मा से वेबदुनिया की बातचीत)
आप कब से ब्लॉगिंग की दुनिया में सक्रिय हैं। हिंदी में ब्लॉग शुरू करने का ख्याल कैसे आया।ब्लॉगिंग की दुनिया से फरवरी, 2007 से जुड़ा और अपना ब्लॉग वाह ! मनी के नाम से बनाया। बिजनेस पत्रकारिता से पिछले 19 साल से जुड़ा हुआ हूँ और ऐसा प्लेटफार्म ढूँढ रहा था कि जहाँ आर्थिक मसले, खासकर शेयर बाजार पर अपनी जानकारी को आम आदमी के लिए लिख सकूँ। बस इसी सिलसिले में इस ब्लॉग की रचना हुई। इसकी शुरूआत अँग्रेजी से की थी, लेकिन बाद में मुझे महसूस हुआ कि ज्यादातर लोग अँग्रेजी में चीजें उतनी अच्छी तरह नहीं समझ पाते, जितनी वे हिंदी में समझ सकते हैं। इसलिए इस ब्लॉग की लगभग सारी अँग्रेजी सामग्री हटाकर हिंदी में लिखना शुरू किया। हालाँकि, सामग्री आर्थिक विषय, खासकर शेयर बाजार पर रखी। मैंने कई साल पहले मुंबई के एक उपनगर के स्टेशन मालाड पर लिखा हुआ बोर्ड पढ़ा था, संकट में सबसे बड़ा साथी पैसा होता है... आप यदि मेरे ब्लॉग को देखें तो वहाँ ऊपर यही वाक्य लिखा है। लोगों को आर्थिक तंगहाली में देखने पर यह लगता है कि कैसे लोग आर्थिक रूप से समृद्ध बनें। मुझे ऐसा लगता है कि यदि कोई व्यक्ति आर्थिक मामलों पर पढ़कर शेयर बाजार में कारोबार करे तो वह अपनी वित्तीय तंगी को दूर कर सकता है। लेकिन हमारे देश में इस बाजार पर अधिकतर सामग्री अँग्रेजी में है, जिसकी वजह से आम आदमी इससे जुड़ नहीं पाता। इस ब्लॉग की रचना करते समय मेरे दिमाग में एक बात और थी कि सौ लोगों को करोड़पति बनाना है, शेयर बाजार के माध्यम से। इस उद्देश्य को अच्छा प्रतिसाद मिला और अब तक तकरीबन 15 लोगों का चयन हुआ है, जिनसे यह सुनकर अच्छा लगता है कि पैसा कमा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने मकसद में कामयाब होऊँगा। इस विधा के बारे में आपकी शुरुआती प्रतिक्रिया क्या थी।वाह मनी ब्लॉग पर मैंने जैसे ही हिंदी में लिखना शुरू किया, खूब पाठक मिलते गए और लोगों ने यह पूछना जारी रखा कि निवेश कहाँ-कहाँ किया जा सकता है। कई बार पाठकों ने भी ऐसे विषय सुझाए, जिन पर अच्छा लिखा जा सकता है। कुछ तो मुझे एक तरह से ब्रेकिंग खबर तक ई-मेल करते हैं। पाठकों को जैसे ही कहीं कुछ आर्थिक मसला या न्यूज दिखती है, वे जल्दी से ई-मेल कर मुझे सचेत करते हैं। इस तरह अब अनेक पाठकों के साथ दोहरा संवाद है। ब्लॉगिंग की दुनिया ने अनेक बेहतर ब्लॉगरों से परिचय भी करवाया और नए दोस्त मिले, जिनके साथ बातें करके अच्छा लगता है। देश-विदेश से अनेक दोस्त मिले और परिचय का दायरा बढ़ता जा रहा है। हाल में मेरे ब्लॉग को इंटरनेशनल सेंटर फॉर लैंग्वेज स्टेडीज इन्स, वॉशिंगटन डीसी ने हिंदी पढ़ाने के तहत शामिल किया है, जिससे बड़ा सुख मिला कि ब्लॉग की दुनिया में यदि गंभीरता से कार्य किया जाए तो दुनिया उसे देखती है, उसका सम्मान करती है।आपके कौन-कौन से ब्लॉग हैं।
वाह मनी के अलावा मेरे जर्नलिस्ट कमल और मोल-तोल नाम से दूसरे ब्लॉग हैं। जर्नलिस्ट कमल में खास खबरों पर विश्लेषण रहता है और मोल-तोल पूरी तरह कमोडिटी बाजार पर आधारित है। हालाँकि समय की कमी की वजह से इनके अपडेशन जल्दी नहीं हो पाते।
आपके पसंदीदा हिंदी ब्लॉग कौन-से हैं।
हिंदी में मेरे पसंदीदा ब्लॉगों में रवि रतलामी, उड़न तश्तरी, रेडियोनामा (इस ब्लॉग पर मैं भी कई बार लिखता हूँ), जीवन-ऊर्जा, मेरा पन्ना, तरकश, सृजनशिल्पी, कस्बा, स्मार्ट निवेश, खेत-खलिहान में, काकेश की कतरनें, मोहल्ला, हिन्दी युग्म, ज्ञानदत्त पांडेय की मानसिक हलचल आदि आदि हैं।
वर्तमान में हिंदी ब्लॉगिंग की जो स्थिति है, उसके बारे में आपका क्या ख्याल है।
इस समय अनेक ब्लॉगर अपने मन का तनाव ब्लॉग में परोस रहे हैं, जिनके बारे में कोई पढ़ना नहीं चाहता। आने वाले समय में ऐसे विषयों से लोग दूर होते जाएँगे। आने वाला समय सार्थक विषय पर सार्थक ब्लॉग को पढ़ने का रहेगा और लोग कहेंगे, इस कूड़े को दूर हटाओ, जिसकी इंटरनेट की दुनिया में जरूरत नहीं है। हालाँकि ब्लॉग दुनिया में किसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता, लेकिन लोग स्वयं बहिष्कार कर देंगे घटिया लेखन का।
एक माध्यम के रूप में ब्लॉग अन्य माध्यमों (टीवी और प्रिंट) से किस तरह अलग है।
असल में देखा जाए तो ब्लॉग निजी अभिव्यक्ति का माध्यम है। कई लोग बेहतर खबरें और विश्लेषण दे रहे हैं, लेकिन यह माध्यम पूरी तरह मीडिया जगत के किसी भी माध्यम की जगह नहीं ले सकता। हर ब्लॉगर को पत्रकार भी नहीं माना जा सकता। ब्लॉगर तो टीवी माध्यम के सिटीजन जर्नलिस्ट जैसे हैं।
क्या आप मानते हैं कि ब्लॉगिंग भविष्य की विधा है।
यह लोगों के परिचय का बेहतर माध्यम है और इसका भविष्य सुनहरा है। आप इस माध्यम से समूची दुनिया के सामने अपनी बात मामूली से खर्च में रख सकते हैं और लोगों से जुड़ सकते हैं।
आने वाले समय में ब्लॉगिंग किस रूप में हमसे मुखातिब होगी।
ब्लॉगिंग पर अब लेखन से ज्यादा ऑडियो और विजुअल दिखाई दे रहे हैं। इसलिए ज्यों-ज्यों टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है, वे परिवर्तन ब्लॉग संसार में भी दिखेंगे और आने वाले समय में वे ही ब्लॉग लोकप्रिय होंगे, जो टेक्नोलॉजी का सम्मान करेंगे।
क्या आपको लगता है कि ब्लॉगिंग से हिंदी भाषा का विकास होगा।
ब्लॉगिंग हिंदी ही नहीं, जिस भी भाषा में होंगी, उसके विकास में सहायक होगी। इसे आप अनेक टूल में से एक टूल कह सकते हैं, जो भाषा के विकास में सहायक होगा। जैसा आपको मैंने बताया कि हाल में मेरे ब्लॉग को इंटरनेशनल सेंटर फॉर लैंग्वेज स्टेडीज इन्स, वॉशिंगटन डीसी ने हिंदी पढ़ाने के तहत शामिल किया है। यह इसी दिशा में एक छोटा-सा कदम माना जा सकता है।
आपके विचार से हिंदी ब्लॉगिंग में क्या कमियां हैं, जो दूर होनी चाहिए।
कंप्यूटर और सस्ते होने की जरुरत है। यानी एक मामूली-सा आदमी इसे प्राथमिकता के आधार पर खरीद सके। आज हर आदमी पहले रोटी, खाना, मकान और शिक्षा को प्राथमिकता देता है, कंप्यूटर खरीद उसकी सूची में काफी बाद में है। साथ ही बिजली की कमी दूर होनी चाहिए और यदि ब्रॉड बैंड सेवा को और सस्ता बनाया जाता है तो हिंदी ही नहीं, हर भाषा में ब्लॉगिंग और नेट सर्फिंग बढ़ेगी।
हिंदी ब्लॉगिंग में किन विषयों पर नहीं लिखा जा रहा है, जो कि आपके अनुसार लिखा जाना चाहिए।
हिंदी ब्लॉगिंग में ऐसे तो कई विषयों पर नहीं लिखा जा रहा है, लेकिन कानून पर सामग्री का न होना खूब अखरता है। जो लोग कानून के जानकार हैं, उन्हें अपने देश की हर भाषा में ब्लॉग लिखने चाहिए और सरकार को भी इस कार्य को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि हर नागरिक देश के कानून- कायदों से परिचित हो सके। इसके अलावा बेहतर शिक्षा के लिए क्या करें, शिक्षा के लिए मिलने वाले कर्ज और स्कॉलरशिप, एडमिशन जैसे सभी पहलुओं पर ब्लॉग होने चाहिए। तीसरा और जो अहम विषय है, वह स्वास्थ्य है। इसे लेकर भी काफी कुछ लिखा जा सकता है।
ब्लॉग - वाह मनी
URL - http://wahmoney.blogspot.com/