बॉब डेलन : साल 2016, साहित्य का नोबेेल पुरस्कार

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बॉब डेलन में साहित्य के नोबल पुरस्कार के लिए घोषि‍त एक ऐसा नाम है, जिसे सुनकर दुनिया के साहित्यकार हैरान हैं। 21 मई 1941 को अमेरिका के मिनेसोटा में जन्मे इस हतरीन लेखक व कवि को एक महान गायक भी माना जाता है। साठ के दशक में उन्हें अपने प्रभावशाली गीतों के लिए एक पीढ़ी की आवाज कहा जाता था।



बताया जाता है कि बॉब ने अपने संगीत करियर की शुरुआत 1959 में, एक कॉफी हाउस में गा कर की थी। लेकिन उन्होंने करियर की ऊंचाइयों को छुआ, अपने 1965 में लांच हुए लाइक ए रोलिंग स्टोन से। इसके बाद उन्होंने लगतार ऊंचाईयों को छुआ और पीछे मुड़कर नहीं देखा।
 
वर्ष 2016 के साहित्य के नोबेेल पुरस्कार के लिए अमेरिका के फोक गायक और कवि बॉब डेलन का चुनाव, अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्तियों के लिए हुआ है। हालांकि उन्हें मूलत: या यूं कहें पूर्णत: कवि कहा जाना भी सही नहीं होगा, लेकिन वे अपने गीतों के लेखक जरूर रहे। 
 
बेशक बॉब को नोबेेल पुरस्कार मिलना उनके प्रशंसकों के लिए बेहद सुखद हो, लेकिन साहित्य की दुनिया में इसके प्रति मिली जुली प्रतिक्रियाएं हैं। लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं, कि बॉब का संगीत एक पूरी पीढ़ी के लिए हमसफर सा रहा है, जिसके प्रति एक मौलिक जुड़ाव सा महसूस होना स्वभाविक है। स्वीडिश अकादमी द्वारा बॉब को नोबेेल पूरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। समिति के सदस्यों का भी मानना है कि उनका गायन, कानों के लिए एक कविता का काम करता है। 
 
नोबेल एकेडमी की मानें तो बॉब ने अमेरिका में प्रचलित गायन परंपरा में एक नए युग का शुरुआत की है। युद्ध और टकराव की वैश्विक स्थितियों में भी बॉब द्वारा रचे गए मास्टर्स ऑफ वॉर गीत को काबिले तारीफ बताया जा रहा है, वहीं उनके, ब्लोविन इन द विंड, ए हार्ड रेंस ए गोना फॉल, दि टाइम्स दे आर ए चैंजिन, सबटेरैनियन होमसिक ब्ल्यूज और लाइक ए रोलिंग स्टोन जैसे गीत भी चर्चा में रहे। बॉब दुनिया के ऐसे पहले गायक होंगे, जिन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है। इसके तहत उन्हें नौ लाख 27 हजार 740 डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

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