Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

हॉलीवुड फिल्मों से मिला ठगी का आइडिया, 23 साल के युवक ने 4 साल में 15 कंपनियों को लगाई 50 लाख की चपत

हमें फॉलो करें हॉलीवुड फिल्मों से मिला ठगी का आइडिया, 23 साल के युवक ने 4 साल में 15 कंपनियों को लगाई 50 लाख की चपत
, मंगलवार, 30 जून 2020 (20:15 IST)
अहमदाबाद। गुजरात में पिछले 4 साल में 15 कंपनियों के साथ कम से कम 50 लाख रुपए की ठगी करने के आरोप में 23 साल के युवक को गिरफ्तार किया गया है। उसे हॉलीवुड फिल्म देखकर ठगी करने का तरीका सुझा था।
 
अपराध शाखा ने मंगलवार को बताया कि जय सोनी अपराध करने के लिए हॉलीवुड फिल्म 'कैच मी इफ यू केन' से प्रभावित था। इस फिल्म में दिखाया गया है कि जाली दस्तावेजों और अपनी असल पहचान छुपाकर बैंकों से पैसे कैसे निकाले जाते हैं।
 
अपराध शाखा की विज्ञप्ति में बताया गया है कि उसके अपराध करने के ढंग की अच्छी तरह से जांच की गई। इसमें पीछे कोई सुराग नहीं छोड़ना और अपनी असल पहचान या ठिकाना नहीं बताना शामिल है। इसके बाद उसे सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
 
विज्ञप्ति में बताया गया है कि सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी की अहमदाबाद में कम से कम 7, वडोदरा में 2 और राजस्थान के जयपुर में 6 शिकायतें दर्ज हैं।
 
सोनी को पहली बार पकड़ा गया है। वह 2016 से उन कंपनियों के बैंक खातों से लाखों रुपए कथित रूप से निकाल चुका है जहां वह काम करता था।अपराध शाखा ने बताया कि वह 50 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी में शामिल है।
 
विज्ञप्ति में बताया गया है यह सब 2015 में शुरू हुआ जब सोनी और उसके पिता रमेश सोनी ने 'कैच मी इफ यू केन' देखी। यह फिल्म अमेरिका में जाली चेक के जरिए ठगी करने वाले फ्रैंक अबागनेल की जिंदगी पर आधारित है।
 
जय सोनी गुजरात के खेडब्रह्म का रहने वाला है। उसमें बताया गया है कि जय सोनी और उसके पिता रमेश सोनी ने जाली चेक के जरिए धोखाधड़ी से पैसा कमाने की योजना बनाई।
 
अपराध शाखा के मुताबिक जय सोनी ने अकाउंटिंग और ऑडिटिंग सीखी। इसके बाद यूट्यूब के जरिए कंप्यूटर सीखा और जाली पैन और आधार कार्ड बनाए, जिनमें नाम और पते फर्जी थे।
 
विज्ञप्ति के मुताबिक इन्हीं जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वह कंपनी में अकाउंटेंट या ऑडिटर की नौकरी करता था और फिर चेक चुराता था, फर्जी मोहरे बनवाता था और कंपनी मालिक के फर्जी हस्ताक्षर करके पैसा निकलवा लिया करता था। इसके बाद नौकरी छोड़ दिया करता था।
 
फर्जी दस्तावेजों और पहचान पत्रों की वजह से पुलिस उसका पता नहीं लगा पाती थी। व्यापक जांच के बाद अपराध शाखा के अधिकारियों को राजस्थान के उदयपुर में उसके घर का पता चला।
 
विज्ञप्ति में बताया गया है कि उस पर नजर रखी गई और अहमदाबाद में नौकरी के लिए साक्षात्कार देने आए जय सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया।उसके पिता को 2003 में वाहन चोरी के मामले में शहर की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

COVID-19 के मरीजों के इलाज के लिए इंदौर में बना पहला प्लाज्मा बैंक