एडेन मार्कराम ने केवल 49 गेंदों पर विश्व कप क्रिकेट के इतिहास का सबसे तेज शतक बनाया, जबकि क्विंटन डिकॉक और रासी वान डेर डुसेन ने भी शतकीय पारियां खेली जिससे दक्षिण अफ्रीका ने विश्व कप के अपने पहले मैच में शनिवार को यहां श्रीलंका को 102 रन से करारी शिकस्त दी।
डिकॉक (84 गेंदों पर 100), डुसेन (110 गेंदों पर 108) और मार्कराम (54 गेंदों पर 106) ने शतक जमाए। इससे दक्षिण अफ्रीका पांच विकेट पर 428 रन बनाकर विश्व कप में सर्वाधिक रन के ऑस्ट्रेलिया के रिकॉर्ड को तोड़ने में सफल रहा जिसने 2015 में पर्थ में अफगानिस्तान के खिलाफ छह विकेट पर 417 रन बनाए थे।
श्रीलंका की टीम इसके जवाब में 44.5 ओवर में 326 रन बनाकर आउट हो गई। उसकी तरफ से कुसल मेंडिस (42 गेंद पर 76 रन), चरित असलंका (65 गेंद पर 79 रन) और कप्तान दासुन शनाका (62 गेंद पर 68 रन) ने अर्धशतक बनाए। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से गेराल्ड कोएट्जी ने तीन जबकि कैगिसो रबाडा, मार्को यानसेन और केशव महाराज ने दो-दो विकेट लिये।
डिकॉक और डुसेन ने जहां दूसरे विकेट के लिए 204 रन जोड़कर मजबूत नींव रखी, वहीं मार्कराम ने 14 चौकों और तीन छक्कों की मदद से तूफानी पारी खेली। डिकॉक ने अपनी पारी में 11 चौके और तीन छक्के लगाए, जबकि डुसेन की पारी में 13 चौके और दो छक्के शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका के इन तीनों बल्लेबाजों का विश्व कप में यह पहला शतक भी है।
इन तीनों के अलावा हेनरिक क्लासेन ने 20 गेंद पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 32 रन और डेविड मिलर ने 21 गेंदों पर तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 39 रन का योगदान दिया।
श्रीलंका का टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला सही साबित नहीं हुआ। विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल था और कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण श्रीलंका का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर पड़ गया था।
दिलशान मधुशंका ने शुरू में ही तेंबा बावुमा (08) को पगबाधा आउट करके श्रीलंका को अच्छी शुरुआत दिलाई थी लेकिन इसके बाद उसके गेंदबाज कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए।
इस टूर्नामेंट के बाद वनडे से संन्यास लेने का फैसला कर चुके डिकॉक ने अपने सदाबहार अंदाज में बल्लेबाजी करके अपने करियर का 18वां शतक पूरा किया जबकि डुसेन ने उनका अच्छा साथ देकर अपने 50वें वनडे मैच में पांचवा शतक लगाया।
डिकॉक के आउट होने से यह साझेदारी टूटी, लेकिन इससे श्रीलंका के गेंदबाजों को किसी भी तरह की राहत नहीं मिली क्योंकि मार्कराम ने क्रीज पर उतरते ही ताबड़तोड़ रन बनाए तथा आयरलैंड के केविन ओब्रायन के विश्व कप में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड तोड़ा। ओब्रायन ने 2011 में 50 गेंद पर शतक लगाया था।
श्रीलंका के स्पिनरों को पिच से किसी तरह की मदद नहीं मिली। आलम यह था कि 19 से लेकर 29वें ओवर तक 85 रन बने। श्रीलंका का क्षेत्ररक्षण भी अच्छा नहीं रहा और उसके खिलाड़ियों ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को कुछ मौके भी दिए।
इसके बाद बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका की टीम शुरू से ही बड़े लक्ष्य के दबाव में दिखी। उसके सलामी बल्लेबाजों पाथुम निसांका (00) और कुसल परेरा (07) के जल्दी आउट होने से उसकी परेशानी बढ़ गई। इन दोनों को तेज गेंदबाज यानसेन ने बोल्ड किया।
कुसल मेंडिस ने आते ही आक्रामक रवैया अपनाया तथा छक्कों की झड़ी लगा दी। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और आठ छक्के लगाए, जिनमें लुंगी एनगिडी के एक ओवर में लगाए गए तीन छक्के भी शामिल हैं।
मेंडिस को शुरू में ही एलबीडब्ल्यू आउट दे दिया गया था लेकिन डीआरएस की बदौलत वह क्रीज पर टिके रहे। उन्होंने विश्व कप में श्रीलंका की तरफ से एक पारी में सर्वाधिक छक्के लगाने के सनत जयसूर्या (सात) के रिकॉर्ड को भी तोड़ा।
मेंडिस ने केवल 25 गेंद पर अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने दूसरे विकेट के लिए 66 रन की साझेदारी की जिसमें परेरा का योगदान केवल सात रन था। रबाडा ने मेंडिस को विकेट के पीछे कैच आउट कराकर दक्षिण अफ्रीका को बड़ी राहत दिलाई।
सदीरा समरविक्रमा (23) और धनंजय डिसिल्वा (11) भी लंबी पारी नहीं खेल पाए और इस तरह से श्रीलंका की आधी टीम 150 रन के स्कोर तक पवेलियन पहुंच गई। असलंका ने विश्व कप में पदार्पण मैच में ही अर्धशतक जमाया। उन्होंने शनाका के साथ छठे विकेट के लिए 82 रन की साझेदारी की। असलंका ने अपनी पारी में आठ चौके और चार छक्के लगाए।
शनाका ने कोएट्जी के एक ओवर में चार चौके और एक छक्का लगाकर 50 गेंद पर अपना अर्थशतक पूरा किया। उन्होंने उन्होंने महाराज की गेंद पर बोल्ड होने से पहले अपनी पारी में छह चौके और तीन छक्के लगाए। कासुन रजिता (31 गेंद पर 33 रन) ने अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाकर हार का अंतर कम किया।(भाषा)