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गोल्फ का अनुभव मैक्सवेल को आया बहुत काम

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, गुरुवार, 9 नवंबर 2023 (17:48 IST)
अफगानिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच में अकेले दम पर आस्ट्रेलिया को लगभग हारी हुई बाजी में जीत दिलाने वाले Glenn Maxwell का Golf से पुराना लगाव रहा है, जिसका उन्हें इस मैच में फायदा भी हुआ। अफगानिस्तान के खिलाफ चोटिल होने के बावजूद उन्होंने अपने पैर को हिलाए बिना जिस तरह के छक्के लगाए वह गोल्फ के खिलाड़ियों के स्विंग के समान थे। मैक्सवेल को शौकिया तौर पर गोल्फ खेलना पसंद है लेकिन उनका यह शौक एक समय उनके करियर के लिए घातक हो गया था।
वह अपने दोस्त के घर की लॉन में गोल्फ खेलते हुए गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। इस चोट के बाद वह भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं बन सके थे। वह इस बात को समझ चुके थे कि 35 साल की उम्र में टेस्ट टीम में जगह बनाना मुश्किल होगा और उन्होंने पूरा ध्यान सीमित ओवरों की क्रिकेट पर लगाया। चोट से वापसी के बाद कई लोगों के मन में मैक्सवेल की पहले की तरह की पावर हिटिंग पर संदेह था लेकिन उन्होंने आईपीएल के पिछले सत्र में 14 मैचों में 183 से अधिक के स्ट्राइक रेट से 400 के ज्यादा रन बनाए।

उन्होंने IPL में ही इस बात की झलक दिखा दी थी की World Cup के दौरान भारत की परिस्थितियों का पूरा लुत्फ उठांएगे। मैक्सवेल बचपन से Golf और Tennis खेलते रहे है और इसी के कारण उनका हाथ और नजरों का सामंजस्य शानदार रहा है। अफगानिस्तान के खिलाफ 128 गेंद में नाबाद 201 रन की पारी के दौरान पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के बावजूद उन्होंने अपने हाथों के दम पर कई ऐसे छक्के लगा जिसका तरीका गोल्फ के स्विंग (Swing Shot) की तरह था। गोल्फ खिलाड़ी जब गेंद को दूर तक प्रहार करता है तब अपने पैर को हिलाए बिना हाथ और शरीर के ऊपरी हिस्से के ताकत का इस्तेमाल करता है।

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान Misbah ul Haq भी मैक्सवेल के गोल्फ में खेल को देख चुके है। उन्होंने ‘ए स्पोर्ट्स’ पर कहा,‘‘ मैक्सवेल का स्विंग (गोल्फ शॉट) 400 मीटर (दूरी) का होता है।’

’ मैक्सवेल को हालांकि इस ऐतिहासिक पारी के दौरान अफगानिस्तान के क्षेत्ररक्षकों और गेंदबाजों ने भी लचर प्रदर्शन किया। उन्हें इस दौरान दो जीवनदान मिले और गेंदबाजों ने ओवर पिच गेंद कर उन्हें आसानी से बड़े शॉट खेलने का मौका दिया।

‘ A Sports ’ के कार्यक्रम में Shoaib Malik ने कहा कि अफगानिस्तान के स्पिन गेंदबाज फ्लाइटेड गेंद नहीं फेंकते है और मैक्सवेल ने इसका फायदा उठाया। उन्होने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान के अधिकांश स्पिनर तेज गति से और कम फ्लाइट के साथ गेंदबाजी करते है। अगर उस स्थिति में Mitchell Santner या Keshav Maharaj गेंदबाजी कर रहे होते, तो वे इसे उछाल देते और गेंदों की गति कम कर देते। जितनी धीमी गेंद होगी, बड़े शॉट के लिए आपको उनती अधिक ताकत की जरूरत होगी। मैक्सवेल को इसका फायदा मिला।’’

मैक्सवेल के लिए कुछ भी आसान नहीं रहा। उन्होंने 2018 में अवसाद का सामना किया है और इससे निपटने के लिए उन्हें पेशेवर मदद लेनी पड़ी। लंबे समय की साथी Vini Raman से शादी  और फिर पिता बनने के बाद वह क्रिकेट से परे भी जीवन के बारे में सोच रहे है और खुशहाल जिंदगी जी रहे है। अफगानिस्तान के खिलाफ मंगलवार को उन्होंने जो हासिल किया, वह एक और अनोखा प्रदर्शन था। ऐसा प्रदर्शन जिसकी तुलना  40 साल पहले की Kapil Dev की बल्लेबाजी से ही की जा सकती है। इस तरह का अगला उदाहरण हमें शायद 40 साल के बाद देखने को मिले। (भाषा)

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