INDvsAUS वनडे विश्वकप फाइनल में उतरने से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम जब मैदान पर उतरे तो कागज पर भारतीय खिलाड़ी काफी मजबूत नजर आ रही थी लेकिन फाइनल के दिन ऑस्ट्रेलिया ने अपने पुराने अनुभव पर भरोसा किया।
पिछले 10 सालों से आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार कर रही भारतीय क्रिकेट टीम आज पहले की ही तरह खिताबी मुकाबले का दबाव नहीं झेल पाई। बल्लेबाजों से लेकर गेंदबाजों तक और फील्डिंग तक सभी में लचर प्रदर्शन रहा। खासकर यह खिलाड़ी दबाव को नहीं झेल पाए।
शुभमन गिल - शुभमन गिल का यह पूरा विश्वकप खराब रहा। वह सिर्फ 2 बार ही अर्धशतक बना पाए। फाइनल में उम्मीद थी कि वह आईपीएल में अपने घरेलू मैदान का फायदा उठाएंगे। लेकिन वह सिर्फ 4 रन बनाकर ही एक गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर मिड ऑन पर कैच थमा बैठे। शुरुआती 10 ओवर का यह पहला झटका रहा जिससे भारत के पतन की शुरुआत रही।
श्रेयस अय्यर- पूरे टूर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट फैंस को यह भरोसा दिलाने वाले कि नंबर 4 की समस्या पूरी हो गई है, श्रेयस अय्यर सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें पैट कमिंस ने विकेटकीपर जोश इंग्लिस के हाथों कैच आउट करवा दिया। यह तब हुआ जब भारत कुछ ही देर पहले कप्तान रोहित शर्मा का विकेट खो चुका था। श्रेयस अय्यर साफ तौर पर दबाव में अपना विकेट खो बैठे।
सूर्यकुमार यादव- टी-20 के नंबर 1 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव लगातार फ्लॉप होने के बाद भी राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा सिर्फ इसलिए मौका देते रहे कि वह अंत के 10 ओवर में तेज बल्लेबाजी कर सकते हैं। लेकिन आज जब जरूरत थी तो वह 28 गेंदों में सिर्फ 18 रन बना सके और बाउंसर पर विकेटकीपर को कैच थमा बैठे। हार्दिक पांड्या की जगह टीम में शामिल हुए सूर्यकुमार यादव ने अपने आलोचकों को सही साबित किया कि वह एकदिवसीय क्रिकेट के लिए बने ही नहीं है।
मोहम्मद सिराज- मोहम्मद सिराज ने पाकिस्तान के खिलाफ साझेदारी तोड़ी थी जिससे भारत मैच में वापस आया था। लेकिन आज मोहम्मद सिराज ऐसा कुछ नहीं कर पाए। यह माना कि आज पहले 10 ओवर में मोहम्मद सिराज को गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला। लेकिन ऐसे ही मौके एक युवा गेंदबाज को सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बनने का मौका देते हैं। कुछ ही हफ्तों पहले मोहम्मद सिराज एकदिवसीय रैंकिंग में नंबर 1 के स्थान पर थे और अभी 2 पर हैं। उन्होंने अपने प्रदर्शन से न्याय नहीं किया और वह काफी महंगे भी साबित हुए।
स्पिनर्स- अहमदाबाद की पिच पर माना जा रहा था कि स्पिनर्स अहम भूमिका निभाएंगे। लेकिन ना ही रविंद्र जड़ेजा समय पर विकेट निकालने में कामयाब रहे ना ही कुलदीप यादव। ट्रेविस हेड का जब विकेट मिला तब तक टीम सिर्फ जीत से 2 रन ही दूर थी। स्पिनर्स अपने खराब प्रदर्शन का बहाना ओस पर भी नहीं थोप सकते क्योंकि आज ओस नहीं आई थी।