पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने उनके नेतृत्वकौशल पर सवाल उठाने वाले आलोचकों को आड़े हाथों लेते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि टीवी पर राय देना आसान होता है और कप्तानी के कारण विश्व कप में उनकी बल्लेबाजी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा।पाकिस्तान की अफगानिस्तान के हाथों 8 विकेट की हार और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 271 रन के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाने के बाद बाबर आजम की आलोचना हो रही थी।
मोइन खान और शोएब मलिक जैसे पूर्व कप्तानों ने बाबर की कप्तानी की खुलेआम आलोचना की और कहा कि इसका असर उनकी बल्लेबाजी पर पड़ रहा है।बाबर ने अपनी आलोचना के संबंध में कहा,टीवी पर राय देना बहुत आसान होता है। अगर कोई मुझे सलाह देना चाहता है तो उनका स्वागत है और वह मुझे सीधे फोन कर सकते हैं। मेरा नंबर उन सभी के पास है।
मलिक ने कहा था कि बाबर बल्लेबाजी का बादशाह है लेकिन कप्तानी में ऐसा नहीं है।मलिक ने कहा था,जिस व्यक्ति की सबसे अधिक जिम्मेदारी बनती है वह कप्तान है।
मोइन ने कहा था की बाबर को भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली से सीख लेनी चाहिए जो कप्तानी छोड़ने के बाद अपना पूरा ध्यान बल्लेबाजी पर लगा रहे हैं।बाबर ने इस पर दृढ़ रवैया अपनाते हुए कहा कि आलोचना के कारण उनकी बल्लेबाजी पर कभी कोई असर नहीं पड़ा।
उन्होंने कहा,मैं पिछले तीन वर्षों से अपनी टीम की कप्तानी कर रहा हूं और मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया। बात केवल इतनी है कि मुझे विश्व कप में जिस तरह का प्रदर्शन करना चाहिए था वैसे नहीं कर पा रहा हूं, इसलिए लोग बोल रहे हैं कि मैं दबाव में हूं।
बाबर ने कहा,मैं नहीं मानता की कप्तानी के कारण मैं किसी तरह के दबाव में हूं या किसी तरह से भिन्न महसूस कर रहा हूं। मैं क्षेत्ररक्षण और बल्लेबाजी के दौरान मैदान पर अपना शत प्रतिशत योगदान देता हूं। मैं इस बारे में सोचता हूं कि मुझे किस तरह से रन बनाने चाहिए और अपनी टीम को जीत दिलानी चाहिए।
बाबर को इस दौरान पाकिस्तान के पत्रकारों के सवालों से जूझना पड़ा जिनमें कप्तानी छोड़ने से संबंधित सवाल भी थे।उन्होंने कहा,मैं नहीं जानता कि आप किस फैसले की बात कर रहे हैं। खिलाड़ियों के चयन से संबंधित जो फैसले हमने यहां किए हैं वह कोच और कप्तान ने किए हैं। हम परिस्थितियों के अनुसार अपने सर्वश्रेष्ठ संयोजन के साथ उतरे। कुछ अवसरों पर हमें सफलता मिली तो कुछ अवसरों पर ऐसा नहीं हो पाया।(भाषा)