अभी वनडे विश्वकप 2023 अपने आधे मोड़ पर भी नहीं है और बांग्लादेश की टीम टीम इस टूर्नामेंट से बाहर हो गई है। यह हैरत की बात है कि नीदरलैंड्स और अफगानिस्तान से पहले जिसे बांग्लादेश ने अपने पहले मैच में हराया था, वह आधिकारिक तौर पर अभी भी टूर्नामेंट में बने हुए हैं।
बांग्लादेश क्रिकेट के लिए इस विश्वकप से पहले ही विवाद शुरु हो गया था। तमीम इकबाल ने संन्यास लिया था लेकिन प्रधानमंत्री के कहने से उन्होंने संन्यास वापस लिया। इसके बाद उऩ्होंने अपने चोट की जानकारी बोर्ड को दी और बोर्ड ने उऩ्हें स्कॉड में भी शामिल नहीं किया गया।
इसके बाद बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने उन्हें बचकाना करार दिया । उन्होंने यह भी कहा कि वह टीम के लिए नहीं सिर्फ अपने लिए खेलते हैं। तमीम इकबाल का करियर अब लगभग खत्म हैं, उनकी जगह आए तंजीद हसन ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
इसके अलावा बोर्ड ने महमदुल्लाह से भी किनारा किया। अंतिम समय पर उनको टीम में शामिल किया गया। उन्होंने कल शतक ठोककर यह दावा कर दिया है कि समय आने पर वह चयनकर्ताओं की करतूतों को सबके सामने रखेंगे।
बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरता टीम में अभी तक स्थान रखती है। इसका उदाहरण भारत के खिलाफ मैच में मिला जब शाकिब अल हसन फिट नहीं थे और स्थायी उपकप्तान लिट्टन दास की जगह नवोदित नजमल हुसैन शंटो को कप्तानी सौंपी गई।
इन सभी विवादों का टीम पर खासा असर पड़ा। अफगानिस्तान से जीतने के बाद टीम इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और भारत से हारकर इस विश्वकप से बाहर हो चुका है। बांग्लादेश का कोई भी बल्लेबाज अभी तक टॉप 15 में भी शुमार नहीं है। इससे पता चल जाता है कि बांग्लादेश की बल्लेबाजी कितनी खराब रही है।
गेंदबाजी में शरिफुल इस्लाम ने खासा प्रभावित किया। लेकिन वह भी टॉप 15 गेंदबाजों में शुमार नहीं हो पाए। तस्कीन अहमद और मुस्तफिजुर रहमान से जो अपेक्षाएं थी उस पर वह खरे नहीं उतरे। बांग्लादेश के लिए यह टूर्नामेंट अब सिर्फ एक औपचारिकता है। टीम हालांकि श्रीलंका और पाकिस्तान में से किसी 1 या दोनों को उलटफेर में हराकर कुछ सम्मान हासिल करना चाहेगी।