मैनचेस्टर। भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि लीग में जबर्दस्त बल्लेबाजी करने वाले आंद्रे रसेल समेत कैरेबियाई बल्लेबाजों के लिए भारत के खिलाफ विश्व कप के मैच में परिस्थितिजन्य दबाव अलग किस्म का होगा। विंडीज सेमीफाइनल में प्रवेश की दौड़ से लगभग बाहर है और रसेल की चोट ने उसकी समस्याएं और बढ़ा दी हैं।
अब तक विश्व कप के 4 मैचों में 6 से कम की औसत से 7 विकेट ले चुके चहल ने कहा कि हमने रणनीति बनाई है। रसेल आक्रामक बल्लेबाज है लेकिन हमने उसे काफी गेंदबाजी की है। अपने देश के लिए खेलना आईपीएल खेलने से एकदम अलग है। इसमें मैच जीतने का दबाव उन पर भी उतना ही होगा जितना हम पर है। वे जीत के लिए बेचैन हैं और फॉर्म वापस पाने की कोशिश में जुटे हैं। हालात एकदम अलग हैं। रसेल चोट के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछला मैच नहीं खेले।
चहल ने कहा कि रसेल 4 बल्लेबाजों के आउट होने के बाद आते हैं और उन्हें भी पता है कि ऐसे हालात में कैसे खेलना है? हम भी मैच के मुताबिक रणनीति बनाएंगे। अफगानिस्तान के खिलाफ कम स्कोर वाले मैच में भारतीय गेंदबाजों ने अपनी उपयोगिता साबित की। हमने 230 से कम रन बनाए थे जिसके नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पहलू हैं। इस तरह के मैच जीतने पर हौसला मिलता है कि हम कम स्कोर वाले मैच भी जीत सकते हैं।
उन्होंने कठिन पिच पर अर्द्धशतक बनाने वाले केदार जाधव की तारीफ करते हुए कहा कि पहली पारी में केदार की बल्लेबाजी शानदार थी, जब पिच टर्न ले रही थी। हमें लगा कि हम 270 के करीब रन बना लेंगे लेकिन उन्होंने इतनी अच्छी गेंदबाजी की कि हम 30-40 रन पीछे रह गए।
चहल ने कहा कि गेंदबाजी में हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा डाट गेंद डालने का था ताकि आखिरी ओवरों में उन्हें 6 या 7 की औसत से रन बनाने हों। कई बार आप 350 रन बनाकर भी हार जाते हैं और कई बार 250 रन बनाकर भी जीत जाते हैं, यह मानसिकता की बात है। (भाषा)