मैनचेस्टर। रवींद्र जडेजा की आकर्षक पारी के बावजूद भारत को शीर्ष क्रम की नाकामी के कारण विश्व कप सेमीफाइनल में बुधवार को यहां न्यूजीलैंड के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा, जिससे उसका क्रिकेट महाकुंभ में सफर भी समाप्त हो गया। न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार विश्वकप के फाइनल में पहुंचा है।
इस हार पर कई क्रिकेट विशेषज्ञ अलग अलग तरह से विश्लेषण कर रहे हैं। खराब सलामी बल्लेबाजी को इस हार का सबसे बड़ा कसूरवार ठहराया जा रहा है। लेकिन लगातार देशी और विदेशी खिलाड़ियों को मिलाने वाले आईपीएल पर किसी का ध्यान नहीं है।
जब से आईपीएल शुरु हुआ है सभी देशी और विदेशी खिलाड़ी एक दूसरे के खेल को बेहतर तरीके से जान पाते हैं। अक्सर भारतीय खिलाड़ियों को इसका फायदा मिलता है। लेकिन कल केन विलियम्सन(सनराईजर्स हैदराबाद के कप्तान) को इसका फायदा मिला। पंत और पांड्या बड़ा शॉट खेलकर आउट हो सकते हैं, यह उन्हें पता था इसलिए सैंटनर को गेंद थमाए रखी।
यह नहीं तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने जिस तरह सेट अप करके विराट कोहली को आउट किया वह यह दर्शाता है कि अब देशी और विदेशी खिलाड़ी एक दूसरे की कमियां और ताकत बखूबी जान चुके हैं।
वहीं विश्वकप से ठीक पहले आईपीएल करवा कर बोर्ड ने एक बहुत बड़ा जोखिम लिय था। वह तो शुक्र है कि फिटनेस से जुड़ी कोई बड़ी समस्या नहीं हुई। नहीं तो बीसीसीआई को खासी आलोचना झेलनी पड़ती।