साउथेम्टन। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका की टीम को खतरनाक मानते हैं और उनका कहना है कि यह टीम ‘घायल’ होने के बावजूद मुश्किल टीम है।
विराट ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'बेशक तेज गेंदबाज डेल स्टेन विश्व कप से बाहर हो गए हैं और दूसरे तेज गेंदबाज लुंगी एनगिदी हमारे खिलाफ नहीं खेलेंगे, इसके बावजूद दक्षिण अफ्रीका एक खतरनाक टीम है और हम उसे हल्के में नहीं लेंगे।'
भारतीय कप्तान ने साथ ही ऑलराउंडर केदार जाधव को कल के मैच के लिए फिट घोषित करार दिया। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वह अंतिम एकादश में जगह बना पाएंगे या नहीं।
विराट ने कहा, चोटें इस खेल का हिस्सा हैं और आप इन्हें लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकते। यह बात सही है कि कोई भी टीम अपनी खिलाड़ियों की चोटों से प्रभावित हो सकती है लेकिन मेरा मानना है कि दक्षिण अफ्रीका अपने दिन एक बहुत ही खतरनाक टीम है और खिलाड़ी बदले जाने के बावजूद वह एक सशक्त टीम है।
स्टेन कंधे की दूसरी चोट के कारण विश्व कप से बाहर हो गए हैं और उनकी जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ब्यूरन हेंड्रिक्स ने ली है जबकि एनगिदी हैमस्ट्रिंग चोट के कारण अगले 10 दिन तक विश्व कप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
विराट ने कहा, हम किसी भी टीम को हल्के में नहीं लेते, चाहे उसके कुछ खिलाड़ी चोटिल क्यों ना हो जाएं। हमें अपने विपक्षी का सम्मान करना होगा और अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
भारतीय कप्तान ने उम्मीद जताई कि स्टेन अपनी चोट से जल्द उबर जाएंगे। स्टेन आईपीएल में विराट की रॉयल चैलंजर बेंगलुरु टीम का हिस्सा थे।
विश्व कप में भारत का अभियान टूर्नामेंट शुरु होने के एक सप्ताह बाद शुरु होने के बारे में पूछने पर विराट ने कहा, 'इसका फायदा ही मिलता है, क्योंकि हमें बाकी 9 टीमों को जानने का पूरा मौका मिल जाता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम अभी तक खेले हैं या नहीं। आपको यह देखना होगा कि मैच के दिन आप कैसा प्रदर्शन करते हैं।
विराट ने कहा, 'हमने ऐसी टीम चुनी है, जो हमें सभी प्रकार के विकल्प देती है। किसी मैच में आप तीन सीमर देख सकते हैं, किसी में दो कलाई के स्पिनर और किसी में एक कलाई का स्पिनर और एक उंगलियों का स्पिनर। कोई भी फैसला पिच देखने के बाद ही किया जाता है।'
भारतीय टीम से लगाई जा रही उम्मीदों पर विराट ने कहा, जब आप लंबे समय तक प्रदर्शन करते हैं, तब आपसे उम्मीदें लग जाती हैं। आप मैदान में उतरते समय किसी को कुछ साबित नहीं करना चाहते हैं और उम्मीदें तो इस प्रक्रिया का हिस्सा ही बन गई हैं।