Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

21वीं सदी में घरेलू मैदान पर 3 टेस्ट सीरीज हारा भारत, तीनों में यह बात समान

हमें फॉलो करें 21वीं सदी में घरेलू मैदान पर 3 टेस्ट सीरीज हारा भारत, तीनों में यह बात समान

WD Sports Desk

, बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 (12:45 IST)
21वीं सदी में भारत ने घरेलू धरती पर सिर्फ तीन टेस्ट सीरीज गंवाई है। साल 2004 की ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर गावस्कर सीरीज, साल 2012 में इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज और अब तीसरे मैच से पहले न्यूजीलैंड से भारत 0-2 से पीछे चल रहा है।

इन सभी सीरीज में एक बात समान थी। भारत ने अपने स्पिन गेंदबाजों पर भरोस जताया था लेकिन मेहमान टीम के स्पिन गेंदबाज भारत से भी बेहतर निकले और भारत स्पिन नहीं खेल पाया। वहीं मेहमान टीम के तेज गेंदबाज तो शुरु से 20 रहे ही थे।

2004 और 2012 में खेली गई दोनों ही सीरीज भारत 1-2 से हारा। अगर मुंबई में भारत तीसरा टेस्ट जीत लेता है तो स्कोरलाइन भी बराबर हो जाएगी।  

तीनों मौकों पर कप्तान बाएं हाथ के बल्लेबाज

साल 2004 से लेकर 2024 तक तीनों मौकों पर एक बात समान थी। तीनों बार टीम की कमान वामहस्त बल्लेबाज ने की थी। साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के  विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने टीम की कमान संभाली। अंतिम मैच में चोटिल रिकी पोंटिंग वापस आए और ऑस्ट्रेलिया मुंबई टेस्ट हारी लेकिन तब तक ऑस्ट्रेलिया 2-1 से सीरीज जीत चुकी थी।

बैंगलूरू में ऑस्ट्रेलिया 217 रनों के विशाल अंतर से जीती थी और दूसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ था। नागपुर में खेले गए तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 342 रनों से भारत को रौंदकर सीरीज में अजेय बढ़त बनाई। हालांकि मुंबई टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 13 रनों से हार गई और जीत के लिए जरूरी 103 रन नहीं बना पाई।

ऑस्ट्रेलिया के लिए यह एतिहासिक लम्हा था क्योंकि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया भारत में 1969 यानि कि 35 साल पहले बिल लॉरी की कप्तानी में ही भारत को भारत में हरा पाई थी।
webdunia

साल 2012 में सलामी बल्लेबाज एलिस्टर कुक की अगुवाई में इंग्लैंड ने पहला टेस्ट हारा लेकिन अगले 2 टेस्ट जीतकर और अंतिम टेस्ट ड्रॉ कर एतिहासिक सीरीज जीत अर्जित की।

इससे पहले इंग्लैंड ने भारत को उसकी सरजमीं पर 1984-85 में डेविड गॉवर की अगुआई में 2-1 से हराया था। एलिस्टेयर कुक और उनकी टीम की तरह तब गॉवर की टीम ने भी पहला टेस्ट हारने के बाद जोरदार वापसी की थी। मौजूदा श्रृंखला में इंग्लैंड ने अहमदाबाद में पहला टेस्ट गंवा दिया था, लेकिन इसके बाद मुंबई और कोलकाता में जीत दर्ज करके 2-1 की अजेय बढ़त बनाई।

इस बार न्यूजीलैंड टीम की कमान टिम साउदी से टॉम लैथम के हाथों में आई थी। जो विकेटकीपर भी हैं और सलामी बल्लेबाज भी है और बाएं हाथ के बल्लेबाज भी है। न्यूजीलैंड की टीम ने टीम इंडिया को पहले ही दिन 46 पर समेटा जिसके बाद मेजबान टीम वापसी नहीं कर सकी। बैंगलूरू टेस्ट को 8 विकेट से जीतकर कीवी टीम ने भारत की जमीन पर 36 साल का सूखा खत्म किया।

वहीं पुणे टेस्ट में स्पिन के मुफीद पिच पर दोनों बार 250 से ज्यादा रन बनाना कारगर रहा। दूसरे टेस्ट में मिचेल सैंटनर की फिरकी से टीम इंडिया को 113 रनों से हराकर टीम ने पहली बार भारत में टेस्ट सीरीज जीत का स्वाद चखा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

एलिस्टेयर कुक ने बताया जो रूट कब तक निकल जाएंगे सचिन तेंदुलकर से आगे