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बच्चों के लिए ‘कोरोना वैक्‍सीन’ तैयार, जानिए कितने डोज लगेंगे और कितनी रहेगी असरदार?

हमें फॉलो करें बच्चों के लिए ‘कोरोना वैक्‍सीन’ तैयार, जानिए कितने डोज लगेंगे और कितनी रहेगी असरदार?
, गुरुवार, 1 जुलाई 2021 (13:42 IST)
कोरोना की तीसरी लहर से बच्‍चों को खतरा बताया जा रहा था, ऐसे में बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन की खबर देश के लिए एक राहत की बात है। बताया जा रहा है कि स्‍वदेशी कंपनी ने 12 से 18 साल के बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन तैयार कर ली है। कई जगहों पर इसके ट्रायल भी किए गए हैं। आइए जानते हैं कितनी असरदार रहेगी यह वैक्‍सीन और कितने डोज लगाए जाएंगे।

नई दिल्‍ली, अब 12 साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन लगेगी। स्वदेशी कंपनी जायडस कैडिला ने 12-18 साल के बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है।

कंपनी ने अब इसके इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से इज़ाजत मांगी है। इस वक्त दुनिया के कुछ ही देशों में सिर्फ फ़ाइज़र की वैक्सीन बच्चों को लगाई जा रही है। ऐसे में कैडिला की इस वैक्सीन से भारत के बच्चों को बड़ी राहत मिल सकती है।

इस वैक्सीन को कैडिला ने नाम दिया है- ZyCoV-D. इस वैक्सीन की तीन डोज़ दी जाएगी। जबकि बाक़ी वैक्सीन की इस वक्त दो डोज़ लगाई जा रही है।

आमतौर पर दो तरह की वैक्सीन होती है। पहला DNA और दूसरा RNA. भारत की ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन DNA आधारित वैक्सीन है। जबकि अमेरिका की दोनों वैक्सीन फ़ाइज़र और मॉडर्ना एक mRNA आधारित वैक्सीन है। दोनों तकनीक एक दूसरे से बेहद अलग है। DNA आधारित वैक्सीन एक पुरानी तकनीक है। इसमें आमतौर पर मरे हुए या फिर ज़िंदा वायरस या बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह की वैक्सीन से इंसान के शरीर में वायरस और बैक्टीरिया डाला जाता है। जिससे कि बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने के शरीर में एंटीबॉडी बनती है। जायडस कैडिला की वैक्सीन इसी पर आधारित है।

कंपनी ने दावा किया है जिन लोगों को कोरोना के लक्षण हैं उनमें ये वैक्सीन करीब 66.6 फीसदी तक असरदार है। जबकि हल्के लक्षण वाले मरीज़ों में ये सौ फीसदी तक असरदार है। कंपनी ने भी कहा है कि ये वैक्सीन 12-18 साल के बच्चों पर भी सुरक्षित है। हालांकि फिलहाल इनके डेटा की जांच नहीं की गई है।

अहमदाबाद की कंपनी जायडस-कैडिला तीसरे फेज का ट्रायल पूरा कर चुकी है। ये वैक्सीन बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी दी जा सकेगी। अगले कुछ ही हफ्ते के अंदर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे सकती है।

कंपनी का कहना है कि ये निडल फ्री वैक्सीन है। यानी इस वैस्कीन के देते समय लोगों को दर्द का एहसास नहीं होगा। कपंनी का कहना है कि हर साल इस वैक्सीन की 10-12 करोड़ डोज़ तैयार की जाएगी! कंपनी ने देश के 50 अलग-अलग जगहों पर इसके ट्रायल किए हैं। ये ट्रायल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किए गए।

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