नई दिल्ली। कोरोनावायरस से हुई मौतों के मामले में मुआवजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और कहा कि इसे हर जिले में स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देना चाहिए। विज्ञापनों पर नाराजगी जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि पीड़ितों को एक वेब पोर्टल के बारे में बताया जाना चाहिए, जिस पर वे मुआवजा पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बेंच ने कहा कि आप दूसरे राज्यों की तरह विज्ञापन क्यों नहीं देते हैं कि यह पोर्टल है, यह एक शिकायत निवारण समिति है और आप संपर्क कर सकते हैं। हर जिले में आपको स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देना चाहिए, शिकायत निवारण समिति उनके विवरण, पोर्टल विवरण आदि के साथ। हमें किसी अखबार में कोई विज्ञापन नहीं मिलता।''
वकील ने दी यह दलील : योगी सरकार की ओर से पेश हुए वकील अर्धेंदुमौली कुमार प्रसाद ने बेंच को बताया कि सरकार को कुल 25,933 आवदेन मिल हैं और इनमें से 20,060 को भुगतान किया जा चुका है। इस पर बेंच ने स्थानीय अखबारों में दिए विज्ञापन को लेकर पूछा।
प्रसाद ने कहा कि विज्ञापन दिए गए हैं, जिसमें फोन नंबर दिए गए हैं। यह तहसीलदार का नंबर है। इस पर बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 'कौन उठाता है टोल फ्री नंबरों को। हम आपको अभी कॉल करके देखने को कहेंगे। आप अभी कॉल करो। कॉल करो तहसीलदार को। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह आदेश पास करेगा।