विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार एक वैश्विक आपात स्थिति है। बैठक में लंबी चर्चा के बाद WHO ने यह फैसला लिया है। भारत में अब तक मंकीपॉक्स के 3 मामले सामने आए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक असाधारण हालात है जो अब वैश्विक आपात स्थिति है। डब्ल्यूएचओ की यह घोषणा इस रोग के उपचार के लिए निवेश में तेजी ला सकती है और इसने इस रोग का टीका विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की। यह पहला मौका है जब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस तरह की कार्रवाई की है।
टेड्रोस ने कहा किसंक्षेप में, हम एक ऐसी महामारी का सामना कर रहे हैं जो संचरण के नये माध्यमों के जरिये तेजी से दुनिया भर में फैल गई है और इस रोग के बारे में हमारे पास काफी कम जानकारी है तथा यह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमन की अर्हता को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि यह कोई आसाना या सीधी प्रक्रिया नहीं रही है और इसलिए समिति के सदस्यों के भिन्न-भिन्न विचार हैं।
हालांकि मंकीपॉक्स मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कई हिस्सों में दशकों से मौजूद है लेकिन अफ्रीका महाद्वीप के बाहर इतने बड़े पैमाने पर इस प्रकोप पहले कभी नहीं रहा था और मई तक लोगों के बीच ना ही इसका व्यापक प्रसार हुआ था।
इस रोग को वैश्विक आपात स्थिति घोषित करने का यह मतलब है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप एक असाधारण घटना है और यह रोग कई अन्य देशों में भी फैल सकता है तथा एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है। इससे पहले, डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19,इबोला, जीका वायरस के लिए आपात स्थिति की घोषणा की थी।
WHO चीफ के मुताबिक उन्होंने 5 चीजों पर विचार किया। इसके बाद मंकीपॉक्स को इमरजेंसी घोषित करने का फैसला लिया गया। ये वे कारण-
मंकीपॉक्स वायरस उन देशों में तेजी से फैला है, जहां पर इसको पहले नहीं देखा गया था।
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत किसी भी वायरस या बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के लिए तीन मानक हैं, मंकीपॉक्स ने उनको पूरा किया।
आपातकालीन समिति की सलाह, जिस पर आम सहमति नहीं बन पाई।
वैज्ञानिक सिद्धांत, साक्ष्य और अन्य जानकारी जो वर्तमान में अपर्याप्त हैं और हमें कई अज्ञात चीजों के साथ छोड़ देती हैं।
मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रसार की आशंका।