भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की मध्यरात्रि से पूरे देश में 21 दिनों का संपूर्ण लॉकडाउन लगाए जाने का ऐलान किया। जानिए कर्फ्यू और लॉकडाउन में क्या अंतर होता है।
आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को एक समय सीमा के लिए घरों में रहने के लिए प्रशासन की ओर से कर्फ्यू का आदेश दिया जाता है।
कर्फ्यू के तहत लोगों को हिदायत दी जाती है कि वो अपने घरों से बाहर सड़कों पर न निकलें। इस दौरान स्कूल, कॉलेज और बाजार सब बंद रहते हैं। उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन एक आपातकाल व्यवस्था होती है, जिसमें लोगों को अलग-थलग करने के लिए इसे गाया जाता है। इस दौरान लोगों को किसी इलाके या इमारत में रहने के निर्देश दिए जाते हैं और वहां से निकलने के लिए मना किया जाता है।
उन्हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। हालांकि इस दौरान आवश्यक सुविधाएं जारी रहती हैं, लेकिन यह भी प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह किन सेवाएं को जारी रखना चाहता है।
लॉकडाउन में स्थानीय प्रशासन निजी संस्थानों को बंद करवा देता है और वर्क फ्रॉम होम के आदेश देता है। इसका उद्देश्य यह है कि लोग अपने घरों में ही रहें ताकि किसी तरह का संक्रमण नहीं फैले।
कर्फ्यू और लॉकडाउन दोनों को अलग-अलग स्थितियों में लगाया जाता है। दोनों के बीच अंतर प्रशासन द्वारा जारी रखी गईं सेवाओं का होता है। लॉकडाउन में कोर्ट की मंजूरी के बिना गिरफ्तारी नहीं की जा सकती जबकि कर्फ्यू में पुलिस बिना कोर्ट की मंजूरी के भी गिरफ्तार कर सकती है।