अध्ययन से पता चला है कि कोरोना से बचाव में विटामिन डी, के और ए मददगार हो सकते हैं। इस बात की भी जानकारी मिली है कि कैसे दूसरे एंटीवायरल ड्रग कोरोना से बचाव में उपयोगी हो सकते हैं।
शोध के मुताबिक ये फूड सप्लीमेंट स्पाइक प्रोटीन को बांध सकने में सक्षम हैं, जिसके चलते कोरोना वायरस का संक्रमण कमजोर पड़ता है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल द्वारा किया गया यह अध्ययन 'जर्मन केमिकल सोसाइटी एंग्वैंड्टे केमी' में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि लिनोलिक एसिड स्पाइक प्रोटीन को एक विशिष्ट जगह से बांधता है और इसे कम असरदार कर देता है। इसी तरह के प्रभाव वाले दूसरे कंपाउंड को खोजने के लिए शोधकर्ताओं ने कंप्यूटेशनल तरीकों का उपयोग किया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि नई एंटी वायरल दवाओं को बनाने में वर्षो लग सकते हैं, इसलिए उन्होंने पहले से खोजी गई ऐसी दवाओं और प्रोटीन की पहचान की, जो स्पाइक प्रोटीन को बांध सकते हैं।
टीम ने सबसे पहले स्पाइक प्रोटीन पर लिनोलिक एसिड के प्रभावों का अध्ययन किया और कंप्यूटेशनल सिमुलेशन का उपयोग करके दिखाया कि वह इसे बंद कर सकता है। आगे के सिमुलेशन से पता चला कि कोरोना उपचार में उपयोगी डेक्सामेथासोन भी स्पाइक प्रोटीन को बांध सकता है और ये ना केवल इम्यून सिस्टम पर स्पाइक प्रोटीन के प्रभाव को कम करता है बल्कि संक्रमण पर भी रोक लगाता है।
टीम ने यह देखने के लिए भी शोध किया कि कौन से दूसरे फैटी एसिड स्पाइक प्रोटीन को बांधने का काम करते हैं। शोधकर्ताओं ने उपलब्ध दवाइयों और फूड सप्लीमेंट के बीच कई दूसरी दवाओं के बारे में भी बताया है। इन दवाओं में कुछ ऐसी हैं, जिन्हें प्रयोगशाला में परीक्षण के दौरान कोरोना वायरस को रोकने में मददगार पाया गया है। ये दवाइयां ना केवल स्पाइक प्रोटीन को बांधने की क्षमता रखती हैं बल्कि कोशिकाओं में इनके प्रवेश को रोकने में मदद करते हैं।
सिमुलेशन से यह भी पता चला है कि विटामिन डी, के और ए भी स्पाइक प्रोटीन को बांधते हैं कोशिकाओं का संक्रमित होने से बचाते हैं। विटामिन डी का बेस्ट स्रोत धूप है। विटामिन डी की कमी ना सिर्फ इम्यूनिटी को कमजोर करती है बल्कि आपको कई गंभीर बीमारियों का शिकार भी बना देती है। सर्दी में लोग इनडोर नौकरियों की वजह से सूरज की रोशनी का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं करते जिसकी वजह से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है।