Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

COVID-19 : दक्षिण अफ्रीका में तत्काल Vaccine की जरूरत, 0.8 फीसदी लोगों का ही हुआ टीकाकरण

हमें फॉलो करें COVID-19 : दक्षिण अफ्रीका में तत्काल Vaccine की जरूरत, 0.8 फीसदी लोगों का ही हुआ टीकाकरण
, बुधवार, 9 जून 2021 (17:52 IST)
केपटाउन। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए देशों द्वारा अपने नागरिकों को टीका लगाए जाने के मामले में अफ्रीका दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पीछे चल रहा है। मजबूत अर्थव्यवस्था वाला और कोविड-19 महामारी से बेहद प्रभावित देश दक्षिण अफ्रीका में अब तक कुल आबादी में से 0.8 फीसदी लोगों को ही टीके लगे हैं। 

विश्व स्तर पर कोविड-19 संबंधी आंकड़ा जुटाने वाला जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार अफ्रीका महाद्वीप में सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाला और कोविड-19 महामारी से बेहद प्रभावित देश दक्षिण अफ्रीका में अब तक कुल आबादी में से 0.8 फीसदी लोगों को ही टीके लगे हैं। इस देश के हजारों स्वास्थ्यकर्मी अब भी टीका लगने की अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं।

वहीं 20 करोड़ आबादी वाले अफ़्रीका के सबसे बड़े देश नाइजीरिया में सिर्फ 0.1 फीसदी लोगों को टीके लगे हैं जबकि पांच करोड़ आबादी वाले केन्या में तो यह आंकड़ा इससे भी कम है। यूगांडा को तो ग्रामीण इलाकों से टीके वापस मंगवाने पड़ गए क्योंकि उसके पास बड़े शहरों में ही संक्रमण से निपटने के लिए टीके नहीं हैं।

अफ्रीका बीमारी नियंत्रण व बचाव केंद्र (सीडीसी) ने बताया कि चाड में तो पिछले सप्ताह तक किसी भी व्यक्ति को टीका ही नहीं लगा था। वहीं इस महाद्वीप के कम से कम पांच देश ऐसे हैं, जहां अब तक किसी भी व्यक्ति को टीके की खुराक नहीं दी गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले सप्ताह कहा था कि 130 करोड़ की आबादी वाला यह महाद्वीप ऐसे समय में टीके की गंभीर कमी का सामना कर रहा है जब यहां महामारी की नई लहर लोगों को बेहद प्रभावित कर रही है। अफ़्रीका में टीके की खेप की आपूर्ति ‘लगभग रूक’ गई है। अफ़्रीका सीडीसी निदेशक डॉक्टर जॉन निकेंगसॉन्ग ने कहा कि यह बेहद चिंता और ग़ुस्से वाली बात है।
ALSO READ: नाखून कुछ बदले-बदले से लगें तो सावधान हो जाइए, कहीं Coronavirus की चपेट में तो नहीं
वहीं अफ्रीका की तुलना में अमेरिका और ब्रिटेन की बात की जाए तो संक्रमण से ज़्यादा ख़तरे का सामना करने वाले वयस्क और बुजुर्गों समेत 40 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी को टीके लगा चुकी है। वहीं यूरोप में 20 प्रतिशत या उससे ज़्यादा की आबादी को टीके की खुराक देने वाले देशों के नागरिक गर्मी की छुट्टियां मनाने के बारे में सोच पा रहे हैं। यहां तक कि अमेरिका, फ़्रांस और जर्मनी में कोविड-19 से कम ख़तरे का सामना कर रहे युवाओं को भी टीके की खुराक दी जा रही है।
ALSO READ: Coronavirus vaccine: क्या वैक्सीन का डोज लेने वाले नहीं फैला सकते हैं COVID-19?
उन्होंने एक साक्षात्कार में जी-7 की बैठक में इस सप्ताह धनी देशों के नेताओं से अपील की है कि वह बचे हुए टीकों की खुराक को साझा करें और ‘नैतिक तबाही’ का भार अपने कंधे पर न लें। दक्षिण अफ्रीका की मानवाधिकार वकील फातिमा हसन ने कहा, लोग मर रहे हैं और समय का पहिया हमारे विपरीत चल रहा है। यह बेहद दिल दुखाने वाला है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आगरा : 'मौत की मॉकड्रील' करने वाला अस्पताल सील करने के आदेश, 97 मरीज की ऑक्सीजन की गई थी बंद