संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण मामले की प्रमुख ने शुक्रवार को सावधान किया कि कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 महामारी के दौरान साइबर अपराध बढ़ रहा है और दुर्भावनापूर्ण ईमेल में 600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इजुमी नाकामित्सु ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक अनौपचारिक बैठक में कहा कि कोरोना वायरस संकट दुनिया को और अधिक तकनीकी नवाचार और ऑनलाइन सहयोग की ओर ले जा रहा है।
उन्होंने कहा, दुनियाभर में स्वास्थ्य संगठनों और चिकित्सा अनुसंधान केंद्रों के खिलाफ (साइबर) हमलों की चिंताजनक खबरें भी आई हैं।नाकामित्सु ने कहा कि डिजिटल निर्भरता बढ़ने से साइबर हमले की आशंका बढ़ गई है और यह अनुमान है कि इस तरह का एक हमला हर 39 सेकंड पर होता है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के अनुसार लगभग 90 देश अब भी साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के शुरुआती चरणों में हैं। नाकामित्सु ने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग का खतरा बहुत बड़ा है।
उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र की कुछ वैश्विक प्रगति की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ अच्छी खबरें भी हैं। सरकारी विशेषज्ञों के एक समूह ने इस तरह के खतरों से निपटने के लिए इस तरह की तकनीक के उपयोग में जिम्मेदार व्यवहार के 11 स्वैच्छिक गैर-बाध्यकारी मानदंड तैयार किए हैं।
एस्तोनिया के प्रधानमंत्री जायरी रातास ने कहा कि सुरक्षित और कामकाजी साइबर स्पेस की जरूरत पहले से कहीं अधिक है। एस्तोनिया के पास फिलहाल सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता है और उसने ही शुक्रवार की बैठक का आयोजन किया था।
उन्होंने विशेष रूप से महामारी के दौरान अस्पतालों, चिकित्सा अनुसंधान केंद्रों और अन्य संगठनों को लक्षित करके किए जाने वाले साइबर हमले की निंदा की। रातास ने कहा, ऐसे हमले अस्वीकार्य हैं।(भाषा)