नई दिल्ली। केंद्र ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का कारण महामारी के प्रति लोगों की उदासीनता और बीमारी का डर नहीं होना है। साथ ही उसने राज्य सरकार से कहा कि इसे लेकर कोताही नहीं बरतें।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव निपुण विनायक, राष्ट्रीय महामारी नियंत्रण केंद्र के उप निदेशक संकेत कुलकर्णी और राष्ट्रीय टीबी एवं श्वसन रोग संस्थान के प्रोफेसर आशीष रंजन की टीम द्वारा 1 मार्च और 2 मार्च को राज्य का दौरा करने के बाद केंद्र सरकार ने यह टिप्पणी की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोरोनावायरस की बीमारी का इलाज करा रहे लोगों की संख्या 90 हजार से अधिक है। सरकार की तरफ से साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, मामलों में बढ़ोतरी का निश्चित कारण पता नहीं है क्योंकि कोविड-19 से जुड़े आचरण में कमी केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है।
संभावित कारक बीमारी का भय नहीं होना, महामारी के प्रति उदासीन होना और हाल में ग्राम पंचायतों के चुनाव, शादी के मौसम, स्कूल खुलने आदि के कारण भीड़ के एकत्रित होने और सार्वजनिक परिवहन में भीड़भाड़ बढ़ना हो सकता है।
उसने राज्य को संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का पता लगाने, निगरानी और जांच करने और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी।केंद्र ने कहा, कोताही नहीं बरतें। निगरानी, संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का पता लगाने और जांच के मूल नियमों का पालन करें।
सूक्ष्म योजनाएं बनाएं और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें। गृह पृथकवास सुनिश्चित करें, हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सौ फीसदी आबादी की जांच करें और प्रसार पर रोक लगाने के लिए संक्रमितों को पृथक करें।(भाषा)