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Corona के आधे मरीजों में 1 साल बाद भी मिले लक्षण, अध्‍ययन से हुआ खुलासा...

हमें फॉलो करें Corona के आधे मरीजों में 1 साल बाद भी मिले लक्षण, अध्‍ययन से हुआ खुलासा...
, शुक्रवार, 27 अगस्त 2021 (20:12 IST)
बीजिंग। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती कराए गए लोगों में से करीब आधे में कम से कम एक लक्षण संक्रमण के एक साल बाद भी बना रहता है। शोध पत्रिका 'लांसेट' में शुक्रवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह कहा गया है।

चीन के वुहान में 1276 मरीजों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि तीन लोगों में से एक को 12 महीने बाद भी सांस लेने में दिक्कतें बनी हुई थीं, जबकि गंभीर रूप से बीमार कुछ मरीजों में फेफड़े से जुड़ी समस्याएं भी मिलीं। कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं हुए लोगों की तुलना में संक्रमित लोगों को कम तंदुरुस्त पाया गया।

चीन-जापान फ्रेंडशिप हॉस्पिटल के प्रोफेसर बिन काओ ने कहा, हमारा अध्ययन अस्पतालों में भर्ती हुए संक्रमित लोगों के, 12 महीने बाद बीमार होने के संबंध में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है। ज्यादातर मरीज पूरी तरह ठीक हो गए, लेकिन गंभीर रूप से बीमार हुए कुछ मरीजों में स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें बरकरार थीं।
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अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि कुछ मरीजों के ठीक होने में एक वर्ष से अधिक समय लगेगा और महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति की योजना बनाते समय इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। अध्ययन के दौरान उन मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिन्हें सात जनवरी से 29 मई 2020 के दौरान अस्पतालों से छुट्टी दी गई थी।

इन मरीजों ने अस्पताल से छुट्टी के करीब छह और 12 महीने बाद स्वास्थ्य संबंधी विस्तृत जांच कराई। साथ ही इन लोगों से कई तरह के सवाल भी पूछे गए तथा अलग-अलग तरह की जांच की गई। अध्ययन में शामिल मरीजों की औसत उम्र 57 साल थी।
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शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के आरंभिक दिनों में मरीजों में जो-जो लक्षण थे, वो धीरे-धीरे खत्म हो गए। हालांकि कुछ मरीजों में कम से कम एक लक्षण मौजूद था। अध्ययन से सामने आया कि थकावट या मांसपेशी की कमजोरी, सबसे सामान्य लक्षण था। संक्रमण के छह महीने बाद भी लोगों को ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं एक साल बाद पांच में से एक मरीज में इस तरह का लक्षण मौजूद था।
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करीब एक तिहाई मरीजों ने 12 महीने बाद सांस लेने में दिक्कतों की शिकायत की। ये ऐसे मरीजे थे, जो गंभीर रूप से बीमार हुए थे और उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि छह महीने की तुलना में एक साल बाद कुछ मरीजों में बेचैनी और घबराहट की समस्या पहले से ज्यादा बढ़ गई।

शोध लेखकों में शामिल, चीन-जापान फ्रेंडशिप हॉस्पिटल के शियाओइंग गू ने कहा, हम यह पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि संक्रमण के छह महीने की तुलना में एक साल बाद कुछ दिक्कतें क्यों बढ़ गईं। संक्रमण के कारण जैविक प्रक्रिया या शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण ऐसा हो सकता है। सामाजिक संपर्क घटना, अकेलापन बढ़ना, पूरी तरह ठीक नहीं होना भी इसके लिए कारण हो सकता है।(भाषा)

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