नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यह खतरनाक वायरस देश में 149 लोगों की जान ले चुका है जबकि 5194 संक्रमित है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोरोना की जांच को लेकर निजी लैब द्वारा लिए जा रहे 4,500 रुपए को लेकर कहा है कि ये अपनी मनमानी से पैसे नहीं वसूल सकते।
अदालत ने कहा निजी लैब को कोरोना जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। हम इस मामले पर आदेश पारित करेंगे।
जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम निजी लैब को कोविड-19 के परीक्षण के लिए पैसे वसूलने की अनुमति नहीं देते हैं। सरकार को इसकी जांच मुफ्त में करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल जनरल तुषार मेहता को सुझाव देते हुए कहा कि निजी लैब को जांच के लिए ज्यादा शुल्क न दें। कोई ऐसा तंत्र विकसित करें जिसके तहत निजी लैब के टेस्ट राशि को सरकार वापस कर सके।
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें सरकारी और निजी लैब में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच निशुल्क कराने का दिशानिर्देश क्रेंद्र सरकार को देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।