Corona की तीसरी लहर बाकी है, Oxygen की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करें, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से कहा

Webdunia
गुरुवार, 6 मई 2021 (14:11 IST)
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) आवंटन मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आना बाकी है। ऐस में अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
 
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए गुरुवार को 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई होनी है।
 
केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि यदि दिल्ली को जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी तो इससे अन्य राज्य प्रभावित होंगे। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन के आवंटन का केंद्र का फॉर्मूला दिल्ली के लिए ठीक नहीं है। इसमें बदलाव होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि आपको सिर्फ राज्यों को ऑक्सीजन पहुंचाने की भी व्यवस्था करनी चाहिए।
 
कोर्ट ने केन्द्र को नसीहत देते हुए कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने वाले है, अत: उसके लिए पहले से ही तैयारी की जानी चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मोहन भागवत के बयान पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, बोले- RSS और मुसलमान समंदर के 2 किनारे हैं जो...

Operation Sindoor से Pakistan में कैसे मची थी तबाही, सामने आया नया वीडियो

लश्कर का खूंखार आतंकी सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान में ढेर, भारत में हुए 3 बड़े आतंकी हमलों में था शामिल

दरवाजे पर बारात और दुल्हन ने दुनिया को कहा अलविदा, झोलाछाप डॉक्टर के कारण मातम में बदली खुशियां

हिमाचल में साइबर हैकरों ने की 11.55 करोड़ की ठगी, सहकारी बैंक के सर्वर को हैक कर निकाले रुपए

सभी देखें

नवीनतम

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को हुआ प्रोस्टेट कैंसर, जानिए कितनी खतरनाक है यह बीमारी, लक्षण और उपचार

संभल शाही जामा मस्जिद विवाद पर हाईकोर्ट आज सुनाएगा अहम फैसला कि ASI सर्वेक्षण होगा या नहीं, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के सम्मान में इंदौर में राजवाड़ा में पहली बार कैबिनेट की बैठक

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बमबारी में 4 लोगों की मौत, 20 अन्य घायल

पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी, ऑपरेशन सिंदूर का विकराल रूप अभी बाकी

अगला लेख