नई दिल्ली। भारत में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के चलते हालात भयावह होते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले को स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति और टीकाकरण के तरीकों से जुड़े मुद्दों पर राष्ट्रीय नीति चाहता है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कोविड पर एक राष्ट्रीय योजना बनाकर इसे पेश करने के लिए कहा है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि कोवि़ड-19 संबंधित मुद्दों पर 6 अलग-अलग उच्च न्यायालयों का सुनवाई करना किसी तरह का भ्रम पैदा कर सकता है। अदालत ने कोविड-19 प्रबंधन पर स्वतं: संज्ञान के मामले में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त किया।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की न्यायिक शक्ति को भी जांचेगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह 8 बजे जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,14,835 मामले आए जबकि 2104 और मरीजों की मौत हो गई। अब तक इस महामारी से 1,84,657 लोग मारे जा चुके हैं।
लगातार 43 वें दिन उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़ी और 22,91,428 हो गई है जो कि संक्रमण के कुल मामलों का 14.38 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 से ठीक होने की दर 84.46 प्रतिशत हो गई है। संक्रमण से ठीक हुए लोगों की संख्या 1,34,54,880 हो गयी है। मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत हो गई है।