पिनोर (स्पेन)। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया थम गई है लेकिन स्पेन के एक छोटे से गांव पिनोर में दिन-रात काम हो रहा है। कोरोना वायरस का कहर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, यहां के कारखानों में मजदूरों के हाथ दोगुनी गति से चल रहे हैं क्योंकि ये कोरोना की चपेट में आए लोगों के लिए ताबूत बनाने में जुटे हैं।
पिनोर उत्तर पश्चिमी स्पेन के सुदूर हिस्से में स्थित छोटा-सा गांव है। इस गांव को ताबूतों के लिए जाना जाता है। कोरोना वायरस के कारण ताबूत की मांग बढ़ जाने का असर यहां भी हुआ है और 9 कारखानों में पहले के मुकाबले दोगुने ताबूत तैयार किए जा रहे हैं।
स्पेन कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है और यहां इस महामारी में सिर्फ 2 महीने में 18,500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
हालांकि अभी तक इस गांव में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन मेयर और उनकी टीम गांव के लोगों पर नजर रख रही है। गांव के मेयर जोस लुइस गोंजालेज के अनुसार महामारी के कारण यहां लोगों का काम काफी बढ़ गया है। इस गांव की आबादी करीब एक हजार है।
उन्होंने कहा कि संकट शुरू होने के बाद मांग सामान्य दिनों की अपेक्षा दोगुनी हो गई। श्रमिक 1 दिन में करीब 400 ताबूत तैयार कर रहे जबकि सामान्य दिनों में इससे आधे ताबूत तैयार किए जाते रहे हैं। महामारी के कारण बड़ी संख्या में रोजाना होने वाली मौतों से ‘अंतिम संस्कार उद्योग’ भी दबाव में आ गया है क्योंकि चीन से आयात बंद हो गया है।
उन्होंने कहा कि गांव में पूरे स्पेन से ऑर्डर आ रहे हैं और कामगार ज्यादा समय तक काम कर रहे हैं। मेयर ने बताया, अब हम लोग ज्यादा घंटे काम कर रहे हैं और ताबूतों को बेहद मामूली तरीके से बनाया जा रहा है क्योंकि मांग बहुत ज्यादा है। ताबूतों पर पहले की तरह संगमरमर या कांच की नक्काशी करने के लिए वक्त नहीं है।
इसी गांव में ताबूत बनाए जाने के कारण का खुलासा करते हुए गोंजालेज ने बताया कि गलासिया के इस इलाके में चीड़ के पेड़ बहुत हैं जिसकी लकड़ी ताबूत बनाने के काम आती है।
बीते कुछ दशकों में ताबूत बनाने की कला में भी बदलाव आया है। वह बताते हैं कि करीब 25 साल पहले सभी ताबूत आयताकार बनाए जाते थे और इसमें चीड़ की लकड़ी का इस्तेमाल होता था। लेकिन अब इसमें लोग डिजाइन की मांग करते हैं और चीड़ लकड़ी में डिजाइन बनाना मुश्किल होता है, इसलिए अब अलग तरह की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है, जो पेपर फाइबर से बनी होती है। सूखने पर यह पत्थर जैसी नजर आती है। इसे आइवरी कोस्ट से आयात किया जाता है।