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दुबई में नौकरी छोड़ मां से मिलने आया बेटा, आइसोलेशन में मिली मौत की खबर...

हमें फॉलो करें दुबई में नौकरी छोड़ मां से मिलने आया बेटा, आइसोलेशन में मिली मौत की खबर...
, मंगलवार, 26 मई 2020 (00:26 IST)
नई दिल्ली। कहावत है कि जीवन हमेशा आपकी योजना के अनुसार नहीं चलता। दुबई से नौकरी छोड़कर अपनी बीमार मां के साथ वक्त गुजारने आए आमिर खान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। दुबई से दिल्ली लौटने के बाद खान को अनिवार्य रूप से 14 दिन के पृथकवास में भेजा गया। और, इससे पहले कि वे घर अपनी मां के पास जा पाते, उन्हें अपनी मां के हमेशा के लिए चले जाने की खबर मिली।

सिर्फ इतना ही नहीं शनिवार को मां की मौत की खबर मिलने के बावजूद खान रविवार को उनके अंतिम संस्कार में रामपुर नहीं पहुंच सके। हालांकि खान की पृथक-वास अवधि जल्दी ही समाप्त होने वाली है, लेकिन उन्हें घर जाने की इजाजत नहीं दी गई।

छह साल पहले काम के सिलसिले में दुबई गए 30 वर्षीय खान ने बताया कि कैसे उनकी किस्मत ने उनका जरा भी साथ नहीं दिया। उन्होंने बताया कि वे 13 मई को देश लौटे। उन्हें शनिवार को मां की मृत्यु की सूचना मिली और रविवार को सरकार ने विदेश से लौट रहे लोगों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए।

संशोधित दिशा-निर्देश में विदेश लौटने वाले व्यक्ति के लिए 14 दिन के पृथक-वास को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। पहले सात दिन उसे सशुल्क संस्थागत पृथक-वास में रहना होगा और दूसरे सात दिन उसे अपने घर में ही सभी से अलग रहते हुए अपनी सेहत की निगरानी करनी होगी।

सरकार ने कुछ विशेष परिस्थितियों में 14 दिन तक घर में ही पृथक-वास में रहने की अनुमति देने का भी प्रावधान किया है। खान ने कहा, मैंने अधिकारियों को समाचार दिखाया कि दिशा-निर्देशों में संशोधन हो गया है और मुझे जाने की इजाजत दी जाए, मैं सारे एहतियात रखूंगा। मैं जांच कराने को भी तैयार था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।खान ने पहले सोचा था कि वह मार्च में ही भारत आ जाएंगे और अपनी मां के साथ एक महीना रहेंगे।
दिल्ली के एक होटल में पृथक-वास में रह रहे आमिर ने फोन पर हुई बातचीत में कहा, हम वायरस के साथ जीना सीख जाएंगे, लेकिन इससे जो भावनात्मक हानि हो रही है, वह हमेशा हमारे साथ रहेगी। मैंने पिछले दो महीने सिर्फ यह सोचते हुए गुजारे कि मुझे अपनी मां से मिलना है। मैंने सब कुछ दांव पर लगा दिया।लेकिन मुश्किलें राहें रोके खड़ी थीं। और अंतत: खान अंतिम बार अपनी मां का चेहरा भी नहीं देख सके।(भाषा) 

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