Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बाद अब Corona virus से निपट रहे हैं सुरक्षा बल

हमें फॉलो करें छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बाद अब Corona virus से निपट रहे हैं सुरक्षा बल

भाषा

, शनिवार, 4 अप्रैल 2020 (15:59 IST)
रायपुर। दक्षिण छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सुरक्षा बल केवल नक्सलियों से नहीं बल्कि कोरोना वायरस प्रकोप से भी निपट रहे हैं। यह बात एक अधिकारी ने शनिवार को कही। अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों से कहा गया है कि वे शिविरों में रहने के दौरान और जब वे अभियान पर निकलें तो अतिरिक्त सावधानी बरतें और प्रोटोकॉल का पालन करें।
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी. ने कहा कि बस्तर संभाग में अभी तक कोविड​​-19 के किसी भी मामले का पता नहीं चला है, लेकिन सुरक्षा बलों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ खास निर्देश जारी किए गए हैं।उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के लिए यह एक नई स्थिति है, जो 3 दशक से अधिक समय से क्षेत्र में नक्सल समस्या से जूझ रहे हैं। 
 
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समय हम 2 चीजों से निपट रहे हैं- नक्सलियों और कोरोना वायरस से। बस्तर संभाग में राज्य पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की विभिन्न इकाइयां सहित कम से कम 80,000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इस बस्तर संभाग में बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले आते हैं। नक्सल निरोधक अभियानों के लिए लगभग 40,000 वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लगभग 135 शिविर हैं। 
 
 
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के अलावा छुट्टी के बाद ड्यूटी पर आने वाले कर्मियों में से जिनमें ड्यूटी फिर से शुरू करने से पहले कोरोना वायरस के लक्षण दिखेंगे, उन्हें पृथक कर दिया जाएगा। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी शिविरों का दौरा कर रहे हैं और संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कर्मियों को जरूरी कदमों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी शिविरों में मास्क, हैंड सेनिटाइजर और हैंडवॉश दिए गए हैं। बस्तर संभाग के कई जिले आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र सहित पड़ोसी राज्यों के साथ सीमाएं साझा करते हैं, जहां बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग काम के लिए जाते हैं।
 
इस बीच स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन के बाद पड़ोसी राज्यों से अपने गांवों में लौटने वाले मजदूरों की आवाजाही काफी बढ़ गई है जिससे सामुदायिक संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि स्थिति को ध्यान देते हुए हम पड़ोसी राज्यों के पुलिस और नागरिक अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं और जहां तक संभव हो अंतरराज्यीय आवागमन पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
 
अंतरराज्यीय सीमाओं पर अस्थायी शिविर स्थापित किए गए हैं ताकि पड़ोसी राज्यों से लौटने वाले लोगों को उनके अपने घरों में जाने से पहले रखा जा सके। उन्होंने कहा कि बस्तर में ग्रामीण लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं और आवश्यक वस्तुओं को बेचने वाली दुकानों को छोड़कर सभी स्थानीय बाजार बंद हैं। 
 
पिछले महीने सुकमा जिले में तैनात सीआरपीएफ के एक जवान की कोरोना वायरस के संभावित संपर्क के लिए जांच की गई थी, लेकिन बाद में उसके संक्रमित नहीं होने की बात सामने आई थी। राज्य में अब तक सामने आए कोविड​​-19 के 9 मामलों में से 4 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोरोना वायरस की मार, अमेरिका में 7 लाख लोग बेरोजगार