वाशिंगटन। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए एक भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक के नेतृत्व में किए गए विषाणु रोधी दवा ‘रेम्डेसिविर’ के तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
कैलीफोर्निया स्थित दवा कंपनी गिलीड साइंसेज ने कहा कि प्रारंभिक परिणामों से पता चला कि ‘रेम्डेसिविर’ दवा की 5 दिन की खुराक के बाद कोविड-19 के मरीजों में से 50 प्रतिशत की हालत में सुधार हुआ और उनमें से आधे से अधिक को दो सप्ताह के भीतर छुट्टी दे दी गई। तीसरे चरण के परीक्षण को दवा को स्वीकृति मिलने की प्रक्रिया में अंतिम कदम कहा जाता है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन के क्लिनिकल प्रोफेसर एवं अध्ययन में शामिल अग्रणी अनुसंधानकर्ताओं में से एक अरुणा सुब्रह्मण्यन ने कहा, ‘ये परिणाम उत्साहजनक हैं और संकेत करते हैं कि जिन मरीजों ने ‘रेम्डेसिविर’ दवा का 5 दिन तक सेवन किया, उनकी हालत में 10 दिन तक दवा का सेवन करनेवालों की तरह ही सुधार हुआ।‘
सुब्रह्मण्यन ने कहा, ‘अतिरिक्त परिणामों की आवश्यकता है, ये परिणाम यह समझने में स्पष्ट मदद करते हैं कि ‘रेम्डेसिविर’ से किस तरह इलाज किया जा सकता है, यदि यह सुरक्षित और प्रभावी साबित होती है।‘
दवा कंपनी ने भी कहा कि वह कोविड-19 के उपचार के लिए विषाणु रोधी दवा ‘रेम्डेसिविर’ से संबंधित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिसीज (एनआईएआईडी) के अध्ययन से सामने आए सकारात्मक परिणामों से अवगत है।
इसने कहा, ‘हमें लगता है कि परीक्षण ने अपना प्रारंभिक उद्देश्य हासिल कर लिया है और एनआईएआईडी आगामी ब्रीफिंग में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा।‘
‘रेम्डेसिविर’ दवा को हालांकि विश्व में अभी कोई मंजूरी या लाइसेंस नहीं मिला है और न ही कोविड-19 के उपचार में यह अभी तक सुरक्षित या प्रभावी साबित हुई है। (भाषा)