नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा राज्य सरकार को 400 और प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपए प्रति डोज में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड देने के फैसले पर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले में मोदी सरकार को पत्र लिखा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने भी इस पर कड़ी नाराजगी जताई है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना टीके के मूल्य में विविधता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि महामारी के बीच टीके के दाम में मनमानी अनुचित है और मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
सोनिया ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इस बात पर चिंता जाहिर की कि कोरोना टीकाकरण को लेकर सरकार की नीतियों के कारण टीका निर्माता कंपनी इसके दाम को लेकर मनमानी पर उतर आई है।
उन्होंने कहा टीका निर्माता कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट ने आज ही टीके की जो कीमत घोषित की है उसके अनुसार केंद्र सरकार को यह टीका 150 रुपए में, राज्य सरकारों को 400 रुपए में और निजी अस्पतालों को 600 रुपए में बेचा जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश में जब कोरोना की दूसरी लहर चरम पर है तो सरकार को इस तरह की मनमानी नहीं होने देनी चाहिए और 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को उनकी आर्थिक स्थिति या अन्य स्तर का आकलन किए बिना समान रूप से सभी के टीकाकरण की व्यवस्था करनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को आपूर्ति की जाने वाली कोविड-19 टीके की खुराक की कीमत में अंतर को लेकर भाजपा सरकार पर हमला किया और कहा कि सभी खरीदारों के लिए कीमतें एक होनी चाहिए।
भाजपा के नारे एक देश, एक पार्टी, एक नेता का मजाक उड़ाते हुए बनर्जी ने जोर दिया कि सभी भारतीयों को उसकी उम्र और निवास से परे मुफ्त में टीका मुहैया कराया जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने ट्वीट किया, एक देश, एक पार्टी, एक नेता का नारा भाजपा हमेशा लगाती रहती है लेकिन जिंदगी बचाने के लिए उनके पास टीके की एक कीमत नहीं है। हर भारतीय को उम्र, जाति, नस्ल, निवास स्थान से परे मुफ्त में टीके की जरूरत है। भारत सरकार कोविड-19 टीके की बस एक कीमत तय करे चाहे उसे केंद्र खरीदे या राज्य।