फिरोजपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को कल पंजाब के फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों के कारण एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक रुकना पड़ गया। इस घटना के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और भाजपा के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।
यह सवाल लगातार उठ रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इस बीच किसान संघ के एक नेता ने कहा है कि फिरोजपुर के एसएसपी ने खुद प्रधानमंत्री के काफिले के गुजरने की जानकारी उसे दी थी। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह लगा कि एसएसपी हमें तीतर-बितर करने के लिए ऐसा बोल रहे हैं।
अगर हमें पता होता कि प्रधानमंत्री वास्तव में उन मार्गों पर जा रहे हैं, तो वे अलग तरह से प्रतिक्रिया देते। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी (फूल) के राज्य महासचिव बलदेव सिंह जीरा ने कहा कि आखिरकार, वे हमारे प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने कहा कि फिरोजपुर एसएसपी हमें सूचित करने आए थे कि प्रधानमंत्री इस रोड पर जा रहे हैं, लेकिन हमें लगा कि वे हमें तितर-बितर करने के लिए वह ऐसा कह रहे हैं।
हम वहां भाजपा के वाहनों को रोकने के लिए थे। अगर हमें पता होता कि प्रधानमंत्री वास्तव में इस रूट पर यात्रा कर रहे हैं तो हमारी प्रतिक्रिया कुछ और होती।
पंजाब सरकार ने गठित की उच्च स्तरीय कमेटी : पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई चूक की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया। समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल, प्रमुख सचिव (गृह मामलों) और न्यायमूर्ति अनुराग वर्मा शामिल होंगे और 3 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।