जम्मू। कठुआ जिले में एक टेक्सटाइल मिल के बाहर मजदूरों ने बकाया वेतन को लेकर प्रदर्शन किया और जम कर पथराव किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिस ने मजदूरों को समझाने का प्रयास किया। मजदूरों की मांग है उनके बकाया वेतन का भुगतान किया जाए।
लॉकडाउन के कारण वह भुखमरी की कगार पर हैं। बावजूद इसके मिल की ओर से न ही वेतन का भुगतान किया जा रहा है और न ही इस संबंध में कोई आश्वासन दिया जा रहा है।
इस दौरान पुलिस और मजदूरों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। इससे आक्रोशित मजदूरों ने पुलिस पर पथराव किया। साथ की कई गाड़ियों को तोड़ डाला। जम्मू पठानकोट नेशनल हाईवे पर जाम लगा हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए काफी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है।
मजदूर तनख्वाह दिलवाने और वापस भिजवाने की मांग कर रहे थे। मजदूर इतने गुस्से में थे कि उन्होंने पुलिस की गाड़ियां भी तोड़ डालीं। बताया जा रहा है कि सारे मजदूर चिनाब टेक्सटाइल मिल के थे। पुलिस को मजदूरों को हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और बाद में एसपी ने जब भोजपुरी में मजदूरों को समझाया तब वे माने।
कोरोना वायरस को फैसले से बचाने के लिए पूरे देश में लाकडाउन किया गया है। लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों में घर से दूर फंसे मजदूर बेचौन हो गए हैं। कोई मजदूर पैदल तो कोई साइकल से ही अपने घर चला आ रहा है। इधर जम्मू कश्मीर के कठुआ में चिनाब टेक्सटाइल के सैकड़ों मजदूर सड़क पर उतर आए। मजदूरों ने कपड़ा मिल के बाहर आकर आसपास इलाके में जमकर तोड़फोड़ की।
सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मजदूरों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। मजदूरों का कहना था कि मिल मालिक से उनका बकाया भुगतान दिलवाया जाए और उन लोगों को घर भिजवाने की व्यवस्था की जाए। उग्र मजदूरों ने वहां मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की गाड़ियां तोड़ डालीं। पुलिस को उन्हें हटाने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा लेकिन कुछ देर बाद वे फिर एकत्र हो गए।
मजदूरों का कहना था कि वे लोग भुखमरी की कगार पर हैं। न तो उनके पास रुपये है न ही उनकी कोई व्यवस्था की जा रही है। कुछ देर बाद वहां पहुंचे एसएसपी कठुआ शैलेंद्र मिश्रा ने भोजपुरी में मजदूरों से बात की तो वही मजदूर तालियां बजाने लगे। एसएसपी ने भोजपुरी में मजदूरों को आश्वासन दिया कि पुलिस प्रशासन मिल मालिक से बात करके उनका वेतना दिलवाएंगे और उनके घर भेजने की व्यवस्था भी की जाएगी।