अहमदाबाद। कोरोना वायरस (Corona virus) प्रकोप के कारण एक ओर जहां लोग घरों में दुबके हैं वहीं दूसरी ओर ऐसे पुलिसकर्मी मिसाल बन रहे हैं जो अपने निजी मुद्दों और सुरक्षा को दरकिनार कर अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता दे रहे हैं।
प्रशंसा में सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इन्हें ‘कोरोना यौद्धा’ बताया है। ऐसे ही एक कोरोना यौद्धा हैं दाहोद पुलिस में उप निरीक्षक पीके जादव जिनके भाई की अहमदाबाद में हाल में मृत्यु हो गई। लेकिन वे अवकाश पर जाने के बजाए भाई का अंतिम संस्कार करके ड्यूटी पर लौट आए।
राज्य पुलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने जादव से बात की और उनकी सराहना की। साबरकांठा में गमभाई पुलिस थाने में पदस्थ कांस्टेबल इंद्रविजय सिंह रेहवर की एक बांह में फ्रेक्चर है लेकिन प्लास्टर के बाद भी वेपीसीआर वैन में गश्त के अपने काम पर लौट आए। साबरकांठा के पुलिस अधीक्षक ने उनके समर्पण की प्रशंसा की।
मोरबी जिले के कांस्टेबल विपुल फुल्तारिया के घर में बेटी का जन्म हुआ, वह बेटी को देखकर फिर ड्यूटी पर लौट आए। कच्छ जिले के भुज में कांस्टेबल अल्का देसाई ड्यूटी पर अपनी दो साल की बेटी को लेकर आ रही हैं क्योंकि घर पर उसकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं है। ये कोरोना यौद्धा उसी लंबी फेहरिस्त के कुछ नाम हैं जो अपने समर्पण से मिसाल कायम कर रहे हैं।(भाषा)