मेरठ जिले में ऑक्सीजन की किल्लत चल रही है। ऑक्सीजन बेड न मिलने के कारण कोविड पेशेंट्स की तड़प-तड़प कर जान जा रही है। इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की भी ऑक्सीजन कमी के चलते जान जा रही है।
दो दिन पहले एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन गैस खत्म होने के चलते 9 मरीजों की जान चली गई। वहीं, ऑक्सीजन की कमी के चलते ही कई नवजातों की जान पर बन आई है। इसके बाद बाद नर्सरी के संचालक ने सीएम और डीएम को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है।
ईव्ज हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर एनपी जैन के मुताबिक वर्तमान में हॉस्पिटल की चाइल्ड नर्सरी में 10 नवजात भर्ती हैं। जिनमें कुछ वेंटिलेटर और तीन ऑक्सीजन पर हैं।
डॉक्टर जैन ने बताया कि हॉस्पिटल की नर्सरी में ऑक्सीजन खत्म होने की कगार पर है। जिसके चलते नवजात शिशुओं की जीवन डोर थम सकती है। इन मासूमों की जान बचाने के लिए प्रतिदिन 8 से 10 सिलेंडरों की जरूरत पड़ती है। वर्तमान परिस्थितियों में ऑक्सीजन गैस के सिलेंडरों की आपूर्ति में बाधा आ रही है।
यदि निर्बाध रूप से गैस अस्पताल को नहीं मिली तो इन मासूमों की सांसें थम सकती है। जिसके चलते हॉस्पिटल संचालक ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नवजातों की जान बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई है।