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कोरोनावायरस के omicron स्वरूप का दोबारा संक्रमण की उच्च दर से है संबंध : अध्ययन

हमें फॉलो करें कोरोनावायरस के omicron स्वरूप का दोबारा संक्रमण की उच्च दर से है संबंध : अध्ययन
, सोमवार, 6 दिसंबर 2021 (18:47 IST)
जोहानिसबर्ग। कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप का संबंध पूर्व के संक्रमण से तैयार प्रतिरक्षा को काफी हद तक भेदने की क्षमता से है। आबादी स्तरीय प्रमाणों के आधार पर एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।
 
दक्षिण अफ्रीका में शोधकर्ताओं की एक टीम ने कहा है कि इसके विपरीत बीटा या डेल्टा स्वरूप के प्रतिरक्षा से बचने का आबादी स्तरीय कोई प्रमाण नहीं है। बी.1.1.529 स्वरूप को पहली बार हाल में दक्षिण अफ्रीका में चिह्नित किया गया और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे 'चिंताजनक स्वरूप' के तौर पर वर्णित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्वरूप में करीब 50 बार बदलाव हो चुके हैं। इनमें से 32 बदलाव स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में हुए हैं जिसके जरिए वायरस इंसानों की कोशिकाओं में प्रवेश करता है।

 
यह डेटा-आधारित पहला अध्ययन है जिसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन पहले के संक्रमण से शरीर में तैयार प्रतिरक्षा से बच सकता है। अध्ययन के लेखकों ने लिखा है कि जनसंख्या-स्तर के साक्ष्य बताते हैं कि ओमिक्रॉन स्वरूप का जुड़ाव पूर्व संक्रमण से तैयार प्रतिरक्षा से बचने की पर्याप्त क्षमता से है। इसके विपरीत महामारी विज्ञान के संबंध में बीटा या डेल्टा स्वरूप के प्रतिरक्षा से बचने का कोई आबादी स्तरीय प्रमाण नहीं है।
 
प्रकाशन से पहले इस अध्ययन को पिछले सप्ताह 'मेडआरएक्सिव' पर पोस्ट किया गया। अभी विशेषज्ञों ने इसकी समीक्षा नहीं की है कि बीटा, डेल्टा और ओमिक्रॉन स्वरूप के उभार के मद्देनजर क्या दक्षिण अफ्रीका में समय के साथ दोबारा संक्रमण के जोखिम में बदलाव हुआ है।

 
शोधकर्ताओं ने दक्षिण अफ्रीका के 'नेशनल नोटिफायबल मेडिकल कंडीशन सर्विलांस सिस्टम' के जरिए 4 मार्च 2020 से 27 नवंबर 2021 के बीच आंकड़ों का विश्लेषण किया। अध्ययन में 2,796,982 लोगों की रिपोर्ट थी, जो 27 नवंबर 2021 से कम से कम 90 दिन पहले संक्रमित हुए थे। कम से कम 90 दिनों के अंतराल में दोबारा 'पॉजिटिव रिपोर्ट' आने पर व्यक्ति को पुन: संक्रमित माना जाता है। अध्ययन में 2,796,982 लोगों में से 35,670 लोग ऐसे थे, जो दोबारा संदिग्ध संक्रमित के घेरे में थे।
 
साउथ अफ्रीकन डीएसआई-एनआरएफ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एपिडेमियोलॉजिकल मॉडलिंग एंड एनालिसिस (एसएसीईएमए), स्टेलनबोश यूनिवर्सिटी से जुड़ीं जूलियट आरसी पुलियम ने कहा कि इन निष्कर्षों से पता चलता है कि ओमिक्रॉन में पूर्व में संक्रमित हो चुके लोगों को भी संक्रमित करने की क्षमता है।

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