Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Covid vaccine update : अच्छी खबर, स्वदेशी वैक्सीन Covaxin के पहले चरण के ट्रॉयल का रिजल्ट आया सामने, नहीं दिखा कोई प्रतिकूल प्रभाव

हमें फॉलो करें Covid vaccine update : अच्छी खबर, स्वदेशी वैक्सीन Covaxin के पहले चरण के ट्रॉयल का रिजल्ट आया सामने, नहीं दिखा कोई प्रतिकूल प्रभाव
, बुधवार, 16 दिसंबर 2020 (22:53 IST)
नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोविड-19 टीका 'कोवैक्सीन' के पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण के अंतरिम नतीजों से पता चला है कि सभी आयुवर्ग के समूहों पर कोई गंभीर या प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला।
पोर्टल 'मेडआरएक्सआईवी' पर उपलब्ध कराए गए नतीजों के मुताबिक टीका ने एंटीबॉडी तैयार करने का काम किया। विषय के विशेषज्ञों द्वारा औपचारिक रूप से अनुसंधान रिपोर्ट का मूल्यांकन करने के पहले इसे सार्वजनिक तौर पर 'मेडआरएक्सआईवी' पोर्टल पर डाला गया।
 
निष्कर्ष के मुताबिक गंभीर असर की एक घटना सामने आई जिसका टीकाकरण से कोई जुड़ाव नहीं पाया गया। कोवैक्सीन (बीबीवी152) की सुरक्षा और प्रभाव के आकलन के लिए पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण किया गया। दस्तावेज के कहा गया है कि बीबीवी152 को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर रखा गया। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इसी तापमान पर अलग-अलग टीके को रखा जाता है। 
निष्क्रिय सार्स कोव-2 टीका बीबीवी152 का क्लिनिकल परीक्षण और सुरक्षा : चरण-1 के मुताबिक पहले टीकाकरण के बाद कुछ प्रतिभागियों में हल्के या मध्यम किस्म का असर दिखा और तुरंत यह ठीक भी हो गया। इसके लिए किसी तरह की दवा देने की जरूरत नहीं पड़ी। दूसरी खुराक के बाद भी यही रुझान देखने को मिला। 
 
परिणाम के मुताबिक प्रतिकूल असर का एक गंभीर मामला सामने आया। प्रतिभागी को 30 जुलाई को टीके की खुराक दी गई थी। 5 दिन बाद प्रतिभागी में कोविड-19 के लक्षण पाए गए और सार्स-कोव2 से उसे संक्रमित पाया गया। इसमें कहा गया है कि ये हल्के किस्म के लक्षण थे लेकिन मरीज को 15 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया। न्यूक्लिक एसिड परिणाम नकारात्मक आने पर प्रतिभागी को 22 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह मामला टीके के साथ जुड़ा हुआ नहीं था। कुल 11 अस्पतालों में अलग-अलग स्थानों व 375 स्वयंसेवियों को परीक्षण में शामिल किया गया। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मलेरिया को लेकर वैज्ञानिकों ने सुलझाई 100 साल पुरानी यह गुत्थी