कर्नाटक : कांग्रेस ने पदयात्रा में कोविड गाइडलाइंस की उड़ाई धज्जियां, शिवकुमार बोले- यहां नहीं है कोरोना

Webdunia
सोमवार, 10 जनवरी 2022 (07:19 IST)
रामनगर (कर्नाटक)। कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना को लागू करने की मांग को लेकर कर्नाटक में कांग्रेस ने कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद रविवार को अपनी 10 दिनों की ‘पदयात्रा’ शुरू की। प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार ने यात्रा के दौरान कहा कि यहां कोरोना नहीं है। 
 
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में ‘नम्मा नीरू नम्मा हक्कू’ (हमारा पानी, हमारा अधिकार) थीम पर पदयात्रा कनकपुरा में कावेरी और अर्कावती नदियों के संगम पर शुरू हुई जो यहां से 139 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक जाएगी।
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इस बीच बुखार के कारण सिद्धरमैया अपराह्न बेंगलुरु लौट गए। हालांकि पार्टी सूत्रों ने बताया कि जब पूर्व मुख्यमंत्री की तबीयत में सुधार हो जाएगा तो वे एक बार फिर से पदयात्रा में शामिल होंगे।
 
सैकड़ों कार्यकर्ताओं, नेताओं और सांस्कृतिक समूहों की भागीदारी में कांग्रेस कोविड प्रतिबंधों और नियमों के उल्लंघन को लेकर राज्य सरकार की कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद तय योजना के तहत पदयात्रा का आयोजन कर रही है।
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कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 की तीसरी लहर से मुकाबला के लिए 19 जनवरी तक सप्ताहांत में कर्फ्यू लगा दिया है और सार्वजनिक समारोहों को प्रतिबंधित कर दिया है। राज्य सरकार ने रात्रि कर्फ्यू भी लगाया है और सभी रैलियों, धरना, विरोध प्रदर्शनों पर रोक है।
 
कांग्रेस ने कहा है कि वह कोविड-19 के नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पदयात्रा करेगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शिवकुमार, सिद्धरमैया, पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली और पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेता और विधायक पदयात्रा शुरू होने के पहले दिन कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे।
 
इस अवसर पर कुछ धार्मिक नेता और अभिनेता विजय, अभिनेता और संगीत निर्देशक साधु कोकिला जैसी कुछ फिल्मी हस्तियां भी नजर आईं। इस मेकेदातु परियोजना का पड़ोसी राज्य तमिलनाडु विरोध कर रहा है। मेकेदातु से बेंगलुरु तक कांग्रेस का मार्च 19 जनवरी को बेंगलुरु के बसवनगुडी में समाप्त होने से पहले कनकपुरा, रामनगर और बिदादी से होकर गुजरने वाला है। यह राज्य के 224 विधानसभा क्षेत्रों में से लगभग 15 को कवर करेगा।
इसे एक गैर-राजनीतिक ‘वॉक फॉर वॉटर’ के रूप में पेश करते हुए कांग्रेस ने विभिन्न मठों, संगठनों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, फिल्मी हस्तियों, कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित अन्य लोगों को पदयात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पदयात्रा को बाधित करने का आरोप लगाते हुए सिद्धरमैया ने भाजपा पर मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन में देरी करने के लिए तमिलनाडु के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।
 
सिद्धरमैया ने दावा किया कि परियोजना उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले ढाई वर्षों से सत्ता में रहने के बावजूद पर्यावरण मंजूरी नहीं देकर राज्य के लोगों को धोखा दिया है। सिद्धरमैया ने आरोप लगया कि केंद्र सरकार भी इसकी मंजूरी नहीं दे रही क्योंकि भाजपा पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है।
 
कनकपुरा के विधायक शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर जिला प्रशासन से निषेधाज्ञा जारी करने के लिए कहकर पदयात्रा को ‘विफल’ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी।
 
उन्होंने कहा कि यह मार्च कांग्रेस पार्टी या सत्ता के लिए नहीं है, यह लोगों के लिए है... जैसे कांग्रेस ने भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, आज हम बीजेपी और जनता दल के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कोविड नियमों का पालन करते हुए शांतिपूर्वक मार्च करेंगे।
 
अंतरराज्यीय नदी विवाद से जुड़े एक भावनात्मक मुद्दे पर गिरफ्तारी या पदयात्रा रोकने जैसी कड़ी कार्रवाई के परिणामों से सावधान राज्य सरकार ने कोविड प्रतिबंधों के उल्लंघन के मामले में कांग्रेस के मार्च पर ‘‘नरम’’ रुख अपनाने का फैसला किया है।
कानून के अनुसार की जाएगी कार्रवाई : राज्य सरकार के कोविड-19 प्रतिबंधों का उल्लंघन कर कांग्रेस नेताओं के कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना को लागू करने की मांग को लेकर ‘पदयात्रा’ निकालने पर निशाना साधते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
 
बोम्मई ने मेकेदातु मुद्दे पर एक जिम्मेदार विपक्ष की तरह व्यवहार करने के बजाय राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें एक नोटिस जारी किया गया है और अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें इसके विरुद्ध सलाह दी है, लेकिन उन्होंने इसकी उपेक्षा की है और आगे बढ़ रहे हैं।

हम कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कांग्रेस के सत्ता में रहते हुए परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रयास न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार परियोजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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